नई दिल्ली। देश में एक महीने से ज्यादा के लाॅकडाउन के बावजूद अभी तक कोरोना कहर थमा नहीं है। आम जनता के साथ डाक्टर, पत्रकार, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के साथ ही सेना के शिविर तक कोरोना वायरस पहंुच चुका है। मुंबई में भारतीय नेवी के 21 जवानों में कोरोना मिलने के बाद अब दिल्ली में पुलिस केन्द्रीय रिजर्व फोर्स के जवानों को भी कोरोना अपनी चपेट में ले रहा है। खबरों के मुताबिक राष्टीय राजधानी दिल्ली में पिछले दो सप्ताह के अंदर सीआरपीएफ के 122 जवानों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है।
अधिकारियों के मुताबिक अभी 100 जवानों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आनी बाकी है। सेना के जवानों में फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय भी गंभीर है। मंत्रालय ने सीआरपीएफ चीफ से पूछा है कि किन परिस्थितियों में संक्रमण को रोका नहीं जा सका। जानकारी के मुताबिक कोरोना की चपेट में आई सीआरपीएफ कीे 31 बटालियन कैम्प दिल्ली के मयूर विहार फेस-3 में स्थित है। यह बटालियन तेजी से कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रही है। अभी हाल ही में इसी बटालियन के एक जवान की सफदरजंग अस्पताल में मौत भी हो चुकी है। बीते शुक्रवार को बटालियन से 12 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
इसके दो दिन पूर्व 45 जवानों में वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। सभी जवानों का मंडावली में इलाज चल रहा है। जानकारी के अनुसार जवानों में वायरस संक्रमण की शुरूआत सीआरपीएफ के एक पैरामेडिकल स्टाफ से शुरू हुआ। सबसे पहले 17 अप्रैल को एक जवान में कोरोना के लक्षण दिखे। उसका टेस्ट कराया गया तो 21 अप्रैल को उसकी रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आई। उसे दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जवानों में कोरोना संक्रमण को लेकर सीआरपीएफ नेतृत्व भी काफी सतर्क हो गया है।
सीआरपीएफ ने एक एडवायजरी जारी कर अपनी सभी बटालियनों को कहा है कि वह सुनिश्चित करें कि जो गाड़ी उन्हें लेने और जाने में इस्तेमाल की जा रही हैं उन सब में सैनिटाइजर मशीन होनी चाहिए ताकि जवान ड्यूटी के दौरान अपने आप को सैनिटाइज रख सकें।
इंडियन नेवी के जवानों तक भी पहुंचा कोरोना
इससे पहले 18 अप्रैल को मुंबई में इंडियन नेवी के 21 जवानों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। जिसके इन जवानों को नेवी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 20 सेलर मुंबई में आईएनएस आंग्रे पर तैनात थे।