दिल्ली में पकड़ा गया आईएस का संदिग्ध आतंकी मुस्तकीम खान उर्फ अबू यूसुफ पिछले दो सालों से घर पर विस्फोटक इकट्ठा कर रहा है। रविवार को यह खुलासा उसकी पत्नी आयशा ने खुद किया। आयशा ने बताया कि उसने अपने पति के इन खतरनाक मंसूबों का विरोध भी किया लेकिन उसने अल्लाह का वास्ता दिया। बताया कि पैसों के लालच में आकर उसने में व बच्चों की बात नहीं मानी। इतना ही नहीं अधिक विरोध करने पर अभद्रता पर भी उतारू हो जाता था। दूसरी ओर रविवार को भी दिल्ली पुलिस और एटीएस ने तलाशी अभियान जारी रखा और देर शाम अपने साथ दिल्ली ले गई।
मां-बाप, पत्नी ने भी मानी यूसुफ की गलती
अबू यूसुफ के पिता कफील खान और माता कहकशां व परिवार के अन्य भाई-बहनों ने भी रविवार को बातचीत के दौरान यह बताया कि बेटे ने अक्षम्य गलती की है। लालच तथा बहकावे में आकर उसने यह कदम उठाया। अगर वह दोषी है तो उसे सजा मिले। हम लोगों की यह भी मंशा है कि सरकार एक बार उसे सुधरने का मौका जरूर दे। भटके हुए को ऊपर वाला भी माफ कर देता है।
आतंकी यूसुफ के घर से नौ किलो बारूद, दो बैट्री, एक अलार्म घड़ी, दो किलो लोहे के छर्रे, वायर कटर, 2 जैकेट, एक आईएस का झंडा, 30 मीटर तार मीटर व एक लकड़ी का बॉक्स बरामद हुआ है।
तीन को लिया हिरासत में, बाद में छोड़ा
यूसुफ का कनेक्शन किन-किन लोगों से था और किस तरह का था इस बात की दिल्ली पुलिस (स्पेशल सेल) व यूपी एटीएस की टीम गहनता से जांच कर रही है। शनिवार देर रात पुलिस ने उतरौला नगर से तीन लोगों को संदिग्ध मानकर हिरासत में लिया था। हालांकि पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया गया। रविवार दिन में पुलिस टीम फिर उतरौला पहुंची। टीम ने यूसुफ द्वारा खरीदे गए आपत्तिजनक सामान के दुकानदारों के यहां हाटन रोड आदि स्थानों पर छानबीन की। घर से आतंकी संगठन आईएस का झंडा भी बरामद हुआ। यूसुफ के नेपाल कनेक्शन की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है।
बेटे के नाम पर बनाई थी आईडी
मात्र कक्षा नौवीं पास मुस्तकीम उर्फ यूसुफ टेलीग्राम एप के जरिए आईएस के हैंडलर्स से बातचीत कर जरूरी सूचनाओं का अदान प्रदान करता था। मुस्तकीम खान का अबू यूसुफ नाम उसकी सोशल मीडिया की आईडी से पड़ा। घर वालों ने बताया कि उसके बेटे का नाम मो. यूसुफ है। उसने बेटे के नाम आईडी बनाई थी। परिजनों तथा क्षेत्रवासियों के मुताबिक वह ज्यादातर रिजर्व रहता था। परिवार में भी पत्नी बच्चों के साथ मां-बाप से अलग रहता था। मोबाइल पर ही अधिक समय तक व्यस्त रहना तथा मोबाइल पर ही धार्मिक तकरीर आदि सुनना उसका शौक था।