दिल्ली सरकार केश कला बोर्ड का गठन करने जा रही है। बोर्ड केश कला व्यवसाय से जुड़े लोगों का वित्तीय और तकनीकी मदद दिलाएगा। इसके लिए प्रदेश से लेकर सबडिवीजन स्तर तक कमेटियों का गठन होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में समाज कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि केश कला उद्योग में तेजी से बदलाव आया है। इस क्षेत्र में जुड़े लोग नई-नई तकनीकों के सहारे लोगों को बेहतर विकल्प दे रहे हैं। इसका वैश्विक बाजार 2024 तक 7.33 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं, भारत में यह उद्योग 22.50 हजार करोड़ रुपये का है। इस वक्त शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इस उद्योग के लिए बहुत सारे उत्पाद बाजार में हैं। लेकिन कौशल विकास के क्षेत्र में अभी ज्यादा काम नहीं हुआ है। इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को कहीं से वित्तीय मदद भी नहीं मिलती।
अधिकारी बताते हैं कि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों में बाजार की जरूरतों के हिसाब से अपने पेशे में काबिल बनाने की सख्त जरूरत है। वहीं, अलग-अलग बिजनेस मॉडल की समझ भी बढ़ानी होगी। इसके लिए कौशल विकास केंद्रों की श्रृंखला खड़ी करनी होगी।
इन सारी चुनौतियों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने केश कला बोर्ड बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके सहारे अब बाल काटने की कला व विरासत को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए कौशल विकास केंद्र बनेंगे। साथ ही इससे जुड़े लोगों को वित्तीय मदद भी दिलाई जाएगी। पांच सदस्यीय बोर्ड में एक अध्यक्ष व एक उपाध्यक्ष होंगे। सदस्य सचिव की नियुक्ति दिल्ली सरकार करेगी। दूसरी तरफ जिला व सबडिवीजन स्तर पर चार सदस्यीय एक कमेटी काम करेगी।