भोपाल। शहर में डेंगू से पीड़ित 40 साल की नुसरत जहां की रविवार देर रात बंसल अस्पताल में मौत हो गई। वह साजिदा नगर की रहने वाली थी। डेंगू की एलाइजा जांच में उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। इस साल किसी पॉजिटिव मरीज की शहर में यह पहली मौत है। इसके पहले चार संदिग्धों की भी मौत हो चुकी है। रैपिड किट की जांच में यह पॉजिटिव पाए गए थे। डेंगू के लिए सबसे पुख्ता मानी जाने वाली एलाइजा जांच से डेंगू पॉजिटिव नहीं आने के चलते स्वास्थ्य विभाग उन्हें डेंगू पॉजिटिव नहीं मान रहा है। इस साल अब तक शहर में करीब 1200 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। नुसरत को एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए करीब पांच दिन पहले भर्ती कराया गया था। यहां रैपिड किट से जांच में उन्हें डेंगू की पुष्टि हुई थी। हालत बिगड़ने पर परिजन ने रविवार शाम को उन्हें बंसल अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां उनकी प्लेटलेट्स काफी कम हो गई थीं।
प्लेटलेट्स कम होने से खून काफी पतला हो गया था, जिससे भीतर अंगों में खून का रिसाव होने लगा था। इस कारण किडनी और अन्य अंग खराब हो गए थे। रविवार रात एक बजे उनकी मौत हो गई। डेंगू की एलाइजा जांच के लिए सैंपल रविवार शाम को लिए गए थे। सोमवार दोपहर आई रिपोर्ट में उन्हें डेंगू की पुष्टि हुई है। सीएमएचओ डॉ. सुधीर डेहरिया ने इस संबंध में मीडिया से कोई बात ही नहीं की। उधर, जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे का दावा है कि ठंड बढ़ने के साथ डेंगू मरीजों की संख्या कम हो रही है। इस महीने अभी तक करीब 50 मरीज ही मिले हैं।
डेंगू मरीजों की संख्या इस साल सबसे ज्यादा रही है। 2009 में डेंगू की दस्तक के बाद सबसे ज्यादा 1097 मरीज 2017 में मिले थे। इस साल अब तक मरीजों की संख्या करीब 1200 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि डेंगू से अभी तक कोई मौत नहीं हुई है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग सरकारी लैब में एलाइजा तकनीक जांच में पॉजिटिव मरीजों को ही डेंगू संक्रमित मानता है।