लखनऊ। राजधानी में डेंगू अब गंभीर रूप रूप धारण कर रहा है। अभी तक डेंगू पीड़ित मरीजों में दर्द और शरीर चकत्ते पड़ने की ही शिकायतें आ रही थीं, लेकिन अब उनमें रक्तस्राव की समस्या भी सामने आ रही है। अस्पतालों में आने वाले डेंगू के गंभीर मामलों में 15 से 20 फीसदी केस ऐसे होते हैं, जिनमें मरीजों में ब्लीडिंग की समस्या मिल रही है। इसकी वजह से इन मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की नौबत आ रही है।
लखनऊ में अब तक डेंगू के करीब 700 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से काफी मरीज अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं। इस समय जो नए मरीज आ रहे हैं, उनमें काफी मरीज ऐसे हैं जिनको ब्लीडिंग की समस्या आ रही है। मरीजों के नाक या फिर अन्य हिस्से से रक्तस्राव होने की वजह से उनकी हालत गंभीर हो रही है। रक्तस्राव ज्यादा होने से इनकी जान का खतरा भी पैदा हो रहा है। इस स्थिति को डेंगू हैमरोजिक फीवर कहते हैं। डेंगू हेमोरेजिक फीवर में खून बहने से प्लेटलेट्स का स्तर कम होने के साथ ही मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। कई मरीजों में इसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत भी देखने को मिली है। ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ने पर मरीज को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी पैदा हो रहा है। सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि इस समय आने वाले मरीजों में करीब 15 से 20 फसदी ऐसे मरीज हैं, जिनमें हल्की या मध्यम स्तर की ब्लीडिंग की शिकायत मिली है। बलरामपुर अस्पताल के डॉ. एसके श्रीवास्तव ने भी बताया कि डेंगू के करीब 20 फीसदी मरीजों में रक्तस्राव की समस्या देखने को मिल रही है।
प्लेटलेट्स चढ़ाने से हो रहा फायदा
रक्तस्राव की समस्या के बीच अच्छी खबर यह है कि जिन मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाई जा रही है उनमें तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. ने बताया कि अभी तक जितने भी मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाई गई हैं, उन सभी में सुधार देखने को मिला है।
ऐसे मरीज तुरंत लें परामर्श
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि डेंगू के गंभीर मरीजों में रक्तस्राव की समस्या भी देखने को मिल रही है। इनकी संख्या 15 से 20 फीसदी की है। इस तरह के मरीज तुरंत अस्पताल में परामर्श लें। लापरवाही बरतने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।