बेंगलुरु।कोरोनावायरस के खौफ और लॉकडाउन ने लोगों की जिंदगी बदल दी है। आम लोगों की परेशानियों से जुड़ी कई कहानियां सामने आ रही हैं। यहां ऐसे ही तीन मामले। पहला- गर्भवती महिला को कोई अस्पताल खुला नहीं मिला तो उसे डेंटल क्लीनिक में डिलीवरी करानी पड़ी। दूसरा- एक डॉक्टर कोरोना के लक्षण मिलने पर पति को 4 अस्पतालों में ले गईं। किसी ने भर्ती नहीं किया। उन्होंने पति का इलाज घर पर ही किया। तीसरा- उत्तर प्रदेश में एक युवक ने अपनी शादी के लिए 850 किलोमीटर का सफर साइकिल से पूरा किया। लेकिन घर पहुंचने से पहले ही उसे पुलिस ने पकड़ लिया। अब वो क्वारैंटाइन सेंटर में है।
इन दिनों ज्यादातर प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक बंद हैं। ऐसे में बेंगलुरु में की एक गर्भवती महिला पति के साथ सात किलोमीटर पैदल चली, लेकिन डिलीवरी के लिए अस्पताल नहीं मिला। प्रसव पीड़ा बढ़ी तो दंपती एक डेंटल क्लीनिक में ही चले गए। यहां डेंटिस्ट डॉ. रमया ने बच्चे डिलीवरी कराई। डॉ. रमया बताती हैं- शुरूआत में गर्भ में मौजूद बच्चे का कोई रिस्पांस नहीं आ रहा था। उस वक्त थोड़ी टेंशन बढ़ गई थी। लगा कि बच्चा पेट में ही मर गया है। कोशिश करने के बाद उसमें हरकत शुरू हुई। फिर अच्छे से डिलीवरी हो गई। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। दोनों को अस्पताल भेज दिया गया है।