नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर दस रुपए और डीजल पर तेरह रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढा दिया है। सरकार ने मंगलवार देर रात इसका ऐलान किया। यह फैसला आज से लागू होगा। दोनों ईंधन पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने से हालांकि पेट्रोल और डीजल के खुदरा दामों पर कोई फर्क नहीं पडेगा। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) की वजह से तेल उत्पादक देशों से मांग काफी घट जाने से कच्चे तेल की कीमतें निचले स्तर पर हैं। वर्तमान में देश में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 22.98 रुपये प्रति लीटर है। डीजल पर उत्पाद शुल्क 18.83 रुपये प्रति लीटर है।
कोरोना काल में घटते राजस्व की भरपाई के लिए दिल्ली सरकार ने सख्त वित्तीय फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है। मंगलवार से पेट्रोल के दाम में 1.67 रुपये व डीजल के दाम मेें 7.10 रुपये का इजाफा कर दिया गया है। नई दरों पर दिल्ली में पेट्रोल अब 71.26 रुपये व डीजल 62.29 रुपये हो गया है। इससे पहले सरकार ने शराब की कीमतें भी 70 फीसदी बढ़ा दी हैं।
अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी दिल्ली सरकार के वैट की दरें बढ़ाने के फैसले से हुई हैं। सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले 27 फीसदी के मौजूदा वैट की दर को बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया है, जबकि डीजल पर लगने वाला 16.77 फीसदी का वैट अब 30 फीसदी होगा। इसका सीधा असर लॉकडाउन में मिली छूट के बाद आम लोगों पर पड़ेगा। पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढऩे से उनकी जेबें ढीली होंगी।
उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कीमतों की इस बढ़ोतरी पर हालांकि अभी सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि बतौर वित्त मंत्री सीख यही है कि मुश्किल दौर में मुश्किलों से भरे फैसले लेने पड़ते हैं।
वहीं दिल्ली के बाद पंजाब सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैल्यू ऐडेड टैक्स बढ़ा दिया है, जिसके बाद राज्य में पेट्रोल और डीजल दोनों 2 रुपये महंगे हो गए हैं। पंजाब सरकार ने डीजल पर टैक्स 11.8 पर्सेंट से बढ़ाकर 15.15 फीसदी कर दिया है और पेट्रोल पर इसकी दर 20.11 से बढ़ाकर 23.30 फीसदी कर दी गई है। प्रदेश सरकार ने कोरोनाकाल और लॉकडाउन के कारण रेवेन्यू के नुकसान को देखते हुए यह फैसला लिया है।