हैदराबाद। कोरोना के खिलाफ देश में टीकाकरण की रफ्तार लगातार आगे बढ़ रही है। इस बीच, भारतीय वैक्सीन, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Bharat Biotech vaccine Covaxin) के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़े प्रकाशित हो चुके हैं। द लैंसट (The Lancet) द्वारा प्रकाशित किए आंकड़ों के मुताबिक, कैवैक्सीन कोरोना वायरस के अधिक तेजी से संक्रमण वाले डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65.2 फीसद प्रभावी है। बता दें कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट देश और दुनिया में अब भी चिंता का विषय बना हुआ। ऐसा माना जाता है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे भी डेल्टा वेरिएंट है।
लक्षण वाले कोरोना के मरीज (Symptomatic) को बचाने में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन 77.8 फीसदी प्रभावी पाई गई है जबकि कोरोना की गंभीर बीमारी से बचाने में (गंभीर सिम्टोमेटिक मामले में) कोवैक्सीन 93.4 प्रतिशत असरदार है। वहीं बिना लक्षण वाले कोरोना Asymptomatic COVID 19) से बचाने में 63.6% प्रभावी है।
सभी वेरिएंट के खिलाफ 70.8 फीसद प्रभावी
गंभीर एइफआइ (AEFI) यानी कोरोना टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के गंभीर मामले महज़ 0.5% से भी कम पाए गए हैं। ऐसे में कोवैक्सीन SARS-CoV-2 वायरस के सभी वेरिएंट के खिलाफ 70.8 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करता है। बता दें कि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने विकसित किया है।
उधर, मेडिकल जर्नल ने कहा कि डेल्टा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड ने कहा कि कोरोना वैक्सीन से जुड़ी किसी तरह की सुरक्षा से जुड़ी चिंता नहीं है। कोवैक्सीन फेज-3 ट्रायल में सुरक्षा का आकलन करने के लिए की गई स्टडी में भारत के 25 स्थानों पर 25,800 वॉलेंटियर्स को शामिल किया गया था।