भोपाल। भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों के विवादित ट्वीट के खिलाफ छात्रों का आंदोलन अब सियासी रंग ले चुका है। विवि ने प्रदर्शनकारी 23 छात्रों को निष्कासित कर दिया है। इस मामले में 25 छात्रों के खिलाफ पुलिस में एफआइआर दर्ज कराई गई है। बुधवार को यह मामला भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा के शून्यकाल में उठाया और छात्रों के खिलाफ कार्रवाई निरस्त करने की मांग की। सरकार ने विपक्ष को आश्वस्त किया कि पूरे मामले की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार पत्रकारिता विश्वविद्यालय के अनुबंधित प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार ने समाज विशेष को लेकर लगातार कई विवादित ट्वीट किए थे। इससे नाराज छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया था। इसे लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने पहले तो पुलिस बुला ली थी और इसके बाद उन पर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में मामला भी दर्ज करा दिया था।
इस दौरान छात्रों की पुलिस ने जमकर लात-घूसों से पिटाई भी की थी। मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कमेटी का गठन किया था। जांच कमेटी ने घटना के दिन के विश्वविद्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज देखे थे। इसके आधार पर 23 छात्रों को चिह्नित किया था। जांच कमेटी ने यह रिपोर्ट दस सदस्यीय अनुशासन कमेटी को रिपोर्ट दी थी। इसके आधार पर ही 23 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया था।
पूर्व सीएम का आरोप-छात्रों पर लाठियां बरसाई
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विस में आरोप लगाया कि छात्रों ने सबसे पहले ज्ञापन दिया था और मांग पूरी नहीं होने पर धरना दिया। उनका धरना शांतिपूर्ण था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसाई और सीढि़यों से घसीटकर नीचे फेंका। इसके बाद आंदोलनकारी छात्रों को भोपाल शहर से 20 किलोमीटर दूर बिलखिरया थाना ले जाया गया। अपनी मांगों पर आंदोलन करने वाले 25 छात्रों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी गई और 23 छात्रों को बाद में निष्कासित भी कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस मुद्दे पर छात्रों का समर्थन करते हुए आरोप लगाया कि माखनलाल विवि के शिक्षण विभाग में कुछ लोग देश विरोधी काम कर रहे हैं। सदन की कार्यवाही रोककर इस पर चर्चा कराई जाए।
विस में मौजूद संसदीय कार्यमंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि छात्रों के हितों की सरकार को भी चिंता है। वे भी छात्र राजनीति से ही राजनीति में आए हैं। विवि से घटना की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
विवि प्रशासन के निर्णय के विरोध में बुधवार को पूर्व छात्रों, अभाविप, करणी सेना समेत कई संगठनों ने जमकर प्रदर्शन किया। इन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रों पर की गई एफआइआर और निष्कासन की कार्रवाई वापस लेने की मांग करते हुए रैक्टर श्रीकांत सिंह से मुलाकात की। रैक्टर ने कहा कि जब तक छात्र लिखित में माफी नहीं मांगेंगे तब तक कार्रवाई वापस नहीं ली जाएगी।
पत्रकारिता विवि के अनुबंधित प्रो. दिलीप मंडल और मुकेश कुमार ने पहले समाज विशेष को लेकर विवादित ट्वीट किए थे। उसे लेकर मचे बवाल के बीच ही मंडल ने अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा छात्रों का साथ देने पर कटाक्ष किया।