नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए निर्भया केस में चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद चारों दोषियों पवन, मुकेश, अक्षय और विनय की फांसी को लेकर डेथ वारंट जारी करने का रास्ता साफ हो गया है। याचिका खारिज करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि दोषी को बचाव का पूरा मौका दिया गया। कोर्ट ने कहा कि इस केस के ट्रायल और जांच में कोई खामी नहीं है। कोर्ट के इस फैसले पर निर्भया की मां ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि इससे जल्द ही निर्भया को इंसाफ मिलने की उम्मीद बढ़ी है तो पिता ने कहा कि डेथ वारंट जारी होने के बाद ही हमें संतुष्टि मिलेगी।
दया याचिका के लिए अक्षय के वकील ने मांगा 3 सप्ताह का समय
निर्भया मामले में दोषी अक्षय कुमार के वकील एपी सिंह ने फैसले के बाद राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 3 सप्ताह का समय मांगा है। वहीं, दिल्ली पुलिस के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कानून में 7 दिन का समय तय है। इस पर कोर्ट ने कहा कि कानून में तय समय में दाखिल करने की छूट है।
इससे पहले बुधवार को जस्टिस भानुमति की अध्यक्ष में नई पीठ ने अहम सुनवाई की। जहां बहस के दौरान दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने अपने दोषी को फांसी नहीं देने की मांग की, वहीं सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी भी हाल ऐसे अपराध में सजा कम नहीं की जा सकती है।
दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर कोर्ट ने एक बजे फैसला सुनाया। इससे पहले कोर्ट ने वकीलों से कहा था कि आपके पास बहस के लिए 30 मिनट का समय है। इस समय सीमा में 30 मिनट के दौरान दोनों को अपना पक्ष रखना होगा।
सुबह सुनवाई शुरू होने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह फिलहाल अपने तर्क रखे। बहस के दौरान वकील एपी सिंह ने मामले की जांच पर कई तरह के सवाल उठाए हैं। वहीं, कोर्ट ने कहा कि नए तथ्यों पर बहस नहीं करें।
गौरतलब है कि जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। इन बेंच में जस्टिस आर भानुमति के साथ जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना भी शामिल हैं।
वहीं, मंगलवार को होने वाली सुनवाई को लेकर निर्भया की मां का कहना है कि हमें पूरा विश्वास है कि न्याय मिलेगा, इसके सिवाय कोई विकल्प नहीं है। अगर उन्नाव मामले में कुलदीप सिंह ओर निर्भया मामले में दोषियों को फांसी मिले तो समाज में अच्छा संदेश जाएगा।
बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने एक दोषी विनय शर्मा को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय को एक रिपोर्ट भेजी है। इसमें कहा गया है कि इस याचिका को अधिकारियों की मौजूदगी में विनय ने भरा था। दरअसल, पिछले दिनों विनय शर्मा ने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि उसने कोई दया याचिका राष्ट्रपति के पास नहीं भेजी है। तिहाड़ जेल प्रशासन के इस खुलासे के बाद यह तय हो गया है कि विनय शर्मा की दया राष्ट्रपति के लंबित है।
गौरतलब है कि सात साल पहले 16 दिसंबर, 2012 में दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी। राम सिंह, मुकेश, विनय, पवन और अक्षय के साथ एक अन्य दोषी की दरिंदगी की शिकार निर्भया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।