सियोल। कोरोना वायरस से जूझ रहे कई देशों में चीन विरोधी भावनाएं भड़क रही हैं। आलम यह है कि दक्षिण कोरिया, जापान, हांगकांग और वियतनाम के रेस्तरां ने चीनी ग्राहकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इंडोनेशिया में तो लोगों ने एक होटल के बाहर प्रदर्शन कर वहां मौजूद चीनी पर्यटकों को चले जाने को कहा। फ्रांस और ऑस्ट्रेलियाई अखबारों ने चीन को निशाना बनाते हुए अपनी खबरों के शीर्षक भी बनाएं, जिसके लिए उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्रतिबंध लगाने की मांग
दक्षिण कोरिया की कई वेबसाइट में चीन के लोगों को निकालने और उन पर प्रतिबंध लगाने की मांग के साथ ही वहां के लोगों के खाने की आदतों को लेकर नस्ली टिप्पणियां की गई हैं। सी-फूड के लिए प्रसिद्ध सियोल के कई रेस्तरां ने नो एंट्री फॉर चाइनीज का बोर्ड लगा दिया है। विरोध का आलम यह है कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति आवास ब्लू हाउस को संबोधित एक ऑनलाइन याचिका में चीन के लोगों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।
इस याचिका पर लगभग छह लाख लोगों ने दस्तखत किए हैं। कुछ विपक्षी रूढि़वादी सांसद इस कदम का खुलेआम समर्थन करते दिख रहे हैं। कुछ लोगों ने राष्ट्रपति आवास के पास प्रदर्शन कर सरकार से चीनी पर्यटकों पर तुरंत रोक लगाने की मांग की।
एशियाई लोगों के विरोध तक पहुंची आंच
अभी तक साम्राज्यवादी रवैये के चलते विश्व के देशों में चीन विरोधी भावनाएं देखने को मिलती थीं, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण कई देश उसके खिलाफ एकजुट दिखाई दे रहे हैं। यूरोप में कई जगह यह एकजुटता चीन और चीन के लोगों के खिलाफ ही नहीं बल्कि एशियाई लोगों के विरोध तक जा पहुंची है।
चीन के अलावा विश्व के दो दर्जन देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।
हम ज्यादा समय तक जिंदा रहना चाहते हैं…
हांगकांग के एक जापानी नूडल रेस्तरां के मालिक टेन्नो रेमन ने चीन के ग्राहकों को किसी भी प्रकार की सेवा देने से मना कर दिया है। रेस्तरां ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, हम लंबे समय तक जीना चाहते हैं। हमें स्थानीय ग्राहकों की चिंता है। कृपया हमें क्षमा करें।’ रोम के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ट्रेवी फाउंटेन के नजदीक स्थित कैफे ने भी एक नोटिस चस्पा कर चीन के लोगों को आने से मना कर दिया था। बाद में हालांकि उसने यह नोटिस हटा लिया।