नई दिल्ली। हैदराबाद में युवा महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या और शव को जलाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना ने सात साल पहले दिल्ली की निर्भया के साथ दरिंदों की बर्बरता के जख्मों को हरा कर दिया है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्सा नजर आ रहा है।
दरिंदगी के खिलाफ दिल्ली की एक बेटी का गुस्सा फूट पड़ा
इस दरिंदगी के खिलाफ दिल्ली की एक बेटी का गुस्सा भी फूट पड़ा और वह शनिवार को सुबह-सुबह हाथों में पोस्टर लिए संसद भवन के सामने विरोध करने पहुंच गई। जबकि, हैदराबाद में गुस्साई भीड़ ने उस थाने को दिन भर घेरे रखा, जहां दरिंदों को रखा गया था। भीड़ दरिंदों को सौंपने की मांग कर रही थी, ताकि उनके साथ ही वही सुलूक किया जाए, जैसा उन्होंने चिकित्सक के साथ की। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
अनु अकेले ही विरोध करने संसद भवन पहुंची
लगभग पच्चीस साल की अनु अकेले ही विरोध करने संसद भवन पहुंची थी। उसने जो पोस्टर लिया था, उस पर लिखा था, ‘मैं अपने भारत में सुरक्षित महसूस क्यों नहीं कर सकती।’ दर्द और गुस्से से भरी अनु ने पोस्टर पर यह भी लिख रखा था कि ‘लो जो करना है कर लो, अब डरने का मन नहीं करता।’
एक निजी कंपनी में काम करने वाली अनु का गुस्सा सिर्फ हैदराबाद की घटना को लेकर ही नहीं है। उनका साफ कहना है कि आए दिन देश के किसी न किसी कोने से बेटियों के खिलाफ अत्याचार की खबरें आती हैं, लेकिन कहीं कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
अब तो घर से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा
अनु का कहना है कि अब तो घर से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा है। समाज में महिलाएं सुरक्षित नहीं रह गई हैं। मूलरूप से राजस्थान की रहने वाली अनु ने दूसरी महिलाओं और लड़कियों से यह अपील भी कि उनके साथ कुछ भी गलत होने पर उसे बताएं वो उनके लिए भी प्रदर्शन करेगी।