मुंबई। तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद मंगलवार को प्रवासी कामगार मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन और ठाणे के मुंब्रा इलाके में अचानक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर गृहराज्य भेजे जाने की मांग करने लगे। बांद्रा में जमा करीब 3,000 लोगों की भीड़ को वापस उनके घरों तक भेजने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। बताया जा रहा है कि ट्रेन चलने का एक मैसेज वायरल होने के कारण बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर जुटने लगे थे। वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि ट्रेनें शुरू होने की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ आदेश जारी किए गए हैं। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद शाम को अपने संबोधन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रवासी कामगारों को आश्वस्त करते हुए कहा, आप अन्य राज्यों से यहां आकर रह रहे हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र सरकार आपकी सारी व्यवस्था करेगी। लॉकडाउन का मतलब लॉकअप नहीं है। लॉकडाउन खत्म होते ही राज्य व केंद्र सरकार आपको आपके घर भेजने की व्यवस्था करेगी।
दरअसल, मंगलवार को बांद्रा में आए कुछ सौ लोगों को सरकार की तरफ से राशन देना शुरू किया गया तो भीड़ बढ़ने लगी। पुलिस के समझाने पर भी लोग वापस जाने को तैयार नहीं हो रहे थे। चूंकि इकट्ठा हुए लोगों में ज्यादा संख्या एक विशेष समुदाय के लोगों की थी इसलिए पास ही स्थित एक मस्जिद के धर्मगुरु से भी लोगों को समझाने को कहा गया। धर्मगुरुओं के संबोधन के बाद भी जब लोग लौटने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। करीब ढाई घंटे चले घटनाक्रम के बाद ही लोग वहां से तितर-बितर हुए।
बांद्रा में इकट्ठा होने की घटना के संबंध में 800-1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम धारा3 के साथ बांद्रा पुलिस स्टेशन में धारा 143, 147, 149, 186, 188 के तहत मामला दर्ज़ किया गया है। इससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, 25 मार्च को लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से ही मुंबई, ठाणे और आसपास के शहरों में रह रहे उत्तर प्रदेश-बिहार के कामगारों में अपने गांव जाने की ललक बढ़ती जा रही थी। मुंबई की सघन झोपड़पट्टियों में बड़ी संख्या में कोविड-19 के मामले सामने आने से प्रवासियों में बेचैनी बढ़ गई।
हालांकि उत्तर प्रदेश और बिहार सरकार की ओर से महाराष्ट्र एवं गुजरात की सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर प्रवासी कामगारों के लिए भोजन इत्यादि की व्यवस्था की जा रही है। कुछ दिन पहले गुजरात के सूरत में भी प्रवासी कामगारों का गुस्सा फूटा था। मंगलवार की घटना पर बांद्रा (पूर्व) के विधायक जीशान सिद्दीकी ने कहा कि सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को उनके गांव भेजने के लिए विशेष ट्रेन चलने की एक अफवाह के बाद यह भीड़ इकट्ठा हुई।