नई दिल्ली। वर्षों पुराने अयोध्या केस को लेकर जैसे-जैसे फैसले की घड़ी करीब आ रही है, गहमागहमी बढ़ती जा रही है। फैसले के बाद शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस-प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। देशभर में केंद्र सरकार, राज्य सरकार सहित जिला स्तर पर पुलिस-प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां करने में जुटा हुआ है।
अयोध्या केस राजनीतिक और सांप्रदायिक रूप से बेहद संवेदनशील मामला है। यही वजह है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकारें, फैसले के बाद शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर जरूरी तैयारियां कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में इसे लेकर खास सतर्कता बरती जा रही है। यूपी के सभी जिलों में पुलिस-प्रशासन ने सभी धर्म के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर शांति समिति की बैठकें शुरू कर दी हैं। बैठकों में विशेष तौर पर हिंदु-मुस्लिम धार्मिक गुरुओं व संस्थाओं के प्रतिनिधियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं। केंद्र से लेकर जिला स्तर पर बैठकों का दौर जारी है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 6 अगस्त से नियमित सुनवाई शुरू की थी। आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट सप्ताह में तीन दिन ही किसी केस की नियमित सुनवाई करता है। अयोध्या मामला काफी पुराना, पेचीदा और महत्वपूर्ण होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में सप्ताह के पांचों दिल लगातार सुनवाई की। ये पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे किसी ऐतिहासिक मामले की सुनवाई रिकॉर्ड 40 दिनों में पूरी की है।
अयोध्या केस करीब 500 वर्ष पुराना है। 206 साल से इस केस में फैसले का इंतजार हो रहा है। 17 नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को सेवानिवृत्त होना है। लिहाजा सुनवाई शुरू होने से पहले ही ये लगभग तय हो चुका था कि इस केस में चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट से पहले फैसला आ जाएगा। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने रिकॉर्ड समय में केस की सुनवाई पूरी की है।