नई दिल्ली। कोरोना संकट में प्रवासी मजदूरों के लिए मोदी सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान को 20 जून को लॉन्च करेगी। इस अभियान के दौरान लॉकडाउन में अपने राज्यों और गांव वापस लौटने वाले लाखों लोगों के रोजगार और पुनर्वास के लिए पूरा खाका तैयार किया गया है। इस अभियान के बारे में बता रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा, ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत साथ लाकर भारत सरकार की 25 योजनाओं के उद्देश्यों को 116 जिलो में 125 दिनों के अंदर पूरा किया जाएगा। इसमें प्रवासी मजदूरों और ग्रामीण नागरिकों से काम की पेशकश की जाएगी।
125 दिनों में 116 जिलों के लिए करीब 25 सरकारी योजनाओं को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत एक साथ लाया जाएगा। इन 116 जिलों में बिहार में 32 जिलों, उत्तर प्रदेश में 31 जिलों, मध्य प्रदेश में 24 जिलों, राजस्थान में 22 जिलों, उड़ीसा में 4 जिलों, झारखंड में 3 जिलों को शामिल किया जाएगा। इससे दो तिहाई प्रवासी मजूदरों को कवर किए जाने की उम्मीद है। हम 125 दिनों में इन योजनाओं के सभी स्तरों पर काम करेंगे।’ इसके तहत हर जिले में कम से कम 25000 प्रवासी मजदूरों को काम मिलेगा। उन्होंने आश्वास्त किया जिन जिलों में प्रवासी मजदूर अधिक होंगे उन्हें भी काम देने का प्रयास होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा, ‘केंद्र और राज्य सरकारों ने छह राज्यों के इन 116 जिलों में बड़ी संख्या में लौटे प्रवासी श्रमिकों के कौशल को जाना है।’ 20 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत करेंगे। इस योजना का उद्देश्य प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का सृजन करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा, ‘हमने पाया कि प्रवासी मजदूर 116 जिलों में सबसे ज्यादा वापस आए हैं। ये छह राज्यों में हैं। जिनमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेस, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और राजस्थान शामिल है।’