नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर से गुजरते वक्त उन प्रवासी मजदूरों से बातचीत की जो लॉकडाउन में काम बंद होने के चलते अपने मूल राज्यों में लौट रहे थे। इस दौरान उन्होंने श्रमिकों से घर लौटने का कारण पूछा और उनसे वापस नहीं जाने की अपील की।
इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बातचीत के तुरंत बाद पुलिस ने उनमें से कुछ प्रवासी मजदूरों को हिरासत में ले लिया था।
वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से पुलिस सूत्रों ने कहा कि यह सूचना गलत है कि राहुल गांधी से मिलने वाले प्रवासी मजदूरों को पुलिस ने हिरासत में लिया था, उन प्रवासी मजदूरों को अभी भी मौके पर रखा गया है। नियमों के अनुसार, उन्हें बड़े समूह के रूप में वाहन पर चढ़ने की अनुमति नहीं है, जिसकी पेशकश कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई थी।
प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा पत्र, बसें चलाने के लिए कांग्रेस को अनुमति दे सरकार
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मजदूरों के लिए बसें चलाने की अनुमति मांगी है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक दल नेता आराधना मिश्रा मोना के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर महासचिव का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को दिया। प्रतिनिधि मंडल में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, आरके चौधरी और श्याम किशोर शुक्ला शामिल थे।
पत्र में यूपी प्रभारी महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने लिखा है कि लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने-कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं। लगातार सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे इन मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। उन्होंने पत्र में कहा है कि प्रदेश में अब तक क़रीब 65 मजदूरों की अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है जोकि सूबे में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या से भी अधिक है। श्रीमती प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में लिखा है कि पलायन करते हुए, बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी ज़िम्मेदारी निभाने हुए 500 बसें गाज़ीपुर बार्डर गाज़ियाबाद और 500 बसें नोएडा बार्डर से चलाना चाहती है। इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (AICC) वहन करेगी।
महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए हम 1000 बसों को चलाने की आपसे अनुमति चाहते हैं। पत्र के अंत में उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रनिर्माता मजदूरों को इस तरह नहीं छोड़ा जा सकता है। भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी इनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।