लखनऊ। उत्तर प्रदेश में घटिया किस्म की पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट यानि पीपीई किट की सप्लाई के मामले में सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी ने पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि सरकार कोरोना योद्धाओं की जिंदगी से नहीं खेल सकती है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन की भूमिका की जांच होनी चाहिए। आखिर इतनी बड़ी गलती सरकार से कैसे हो गई? जूही सिंह ने कहा कि फ्रंट लाइन पर लड़ने वाले योद्धाओं की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों? इस पूरे मामले में मेडिकल कारपोरेशन की भूमिका और टेंडर प्रक्रिया की भी जांच होनी चाहिए।
दरअसल यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन पर गुणवत्ता व मानक के विपरीत पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट यानी पीपीई किट सप्लाई कराने का गंभीर आरोप लगा है। मामले का खुलासा महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के उस पत्र से हुआ है, जिसमें उन्होंने सूबे के सभी मेडिकल कॉलेज के निदेशकों को इन पीपीई किट का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया है।
डीजी चिकित्सा शिक्षा केके गुप्ता ने क्या कहा
डीजी चिकित्सा शिक्षा केके गुप्ता ने मेडिकल कॉलेजों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि उन्हें जीआईएमसी नोएडा और मेरठ मेडिकल कॉलेज के द्वारा बताया गया है कि यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन द्वारा दी गई पीपीई किट की गुणवत्ता अधोमानक है। लिहाजा मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन द्वारा पीपीई किट या अन्य सामग्री प्राप्त होती है तो उसका उपयोग कदापि नहीं किया जाए। भारत सरकार की गाइडलाइन का ही पालन किया जाए। साथ ही सप्लाई की गई सामग्री को तुरंत वापस कर उसके स्थान पर गुणवत्ता युक्त पीपीई किट प्राप्त की जाए।