उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप केस और मौत के मामले में आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस कांड को भयानक बता यूपी सरकार से जवाब मांगा है कि पीड़ित परिवार और गवाहों की कैसे सुरक्षा की जा रही है। साथ ही कोर्ट ने 12 अक्टूबर तक मामले को स्थगित कर दिया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय से मंगलवार को हाथरस मामले की सीबीआई जांच का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई निहित स्वार्थ से गलत और झूठे विमर्श नहीं रच पाएगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध एक जनहित याचिका की प्रतिक्रिया में प्रदेश सरकार ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी से जांच कराई जाए। एक जनहित याचिका में जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड जज से कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि यूपी में मामले की जांच और सुनवाई निष्पक्ष नहीं हो पाएगी। इसलिए इसे दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। वहीं, हाथरस कांड में जातीय दंगा भड़काने की साजिश के आरोप में पुलिस ने कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
गुरुवार को हलफनामा दायर करेगी यूपी सरकार
यूपी सरकार ने कहा कि हाथरस मामले के गवाहों की सुरक्षा के संबंध में गुरुवार को हलफनामा दायर करेगी। न्यायालय ने मामले की सुनवाई अगले हफ्ते के लिए सूचीबद्ध की।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का किया जिक्र
न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को बुधवार तक हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा कि हाथरस मामले में गवाहों की सुरक्षा कैसे की जा रही है। उच्चतम न्यायालय ने आगे कहा कि हम इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही के दायरे के बारे में सभी से सुझाव चाहते हैं और हम इसका दायरा बढ़ाने के लिए क्या कर सकते हैं।
हाथरस कांड एक भयानक घटना- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले में वकीलों से कहा कि यह एक भयानक घटना है और हम अदालत में दलीलों का दोहराव नहीं चाहते। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कुछ याचिकाकर्ताओं से उनका मामले से संबंध पूछा और कहा कि हाथरस मामला काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए उनकी सुनवाई की जा रही है।
हाथरस कांड में सुप्रीम कोर्ट करेगा अगले हफ्ते सुनवाई
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुप्रीम कोर्ट ने यह बताने के लिए कहा कि हाथरस मामले में गवाहों और पीड़ित परिवार के सदस्यों की सुरक्षा कैसे की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अगले हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया।