लखनऊ। कानपुर में एक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भाई के लखनऊ स्थित घर पर एसटीएफ और पुलिस ने छापेमारी की। इस दौरान सरकारी कार मिली है जिसे पुलिस कब्जे में लेकर पड़ताल कर रही है। यह कार विशेष सचिव राज्य सम्पत्ति के नाम पर रजिस्टर है। कार नीलामी में खरीदी गई थी जो अभी तक ट्रांसफर नहीं कराई गई थी।
इससे पहले शुक्रवार को पुलिस ने विकास और उनके भाई के घर पर छापेमारी की थी। इस दौरान यहां सिर्फ दीपू की पत्नी अंजली मिली। अंजली को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
पुलिस की मानें तो विकास दुबे खुद बिना रजिस्ट्रेशन की इन कारों का इस्तेमाल कर रहा था। दोनों कारों को नीलामी में खरीदे हुए 1 महीने से ज्यादा हो चुका है, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया। आमतौर पर किसी भी वाहन को खरीदने के एक महीने बाद उसका रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
घर से मिलीं गाड़ियों पर सरकारी नंबर हैं। इन्हें विकास दुबे ने अपना रसूख कायम रखने के लिए नीलामी में खरीदा था। ऐसी जानकारी मिली है कि थोड़े समय पहले तक वो इन्हीं गाड़ियों का इस्तेमाल किया करता था। ऐसे में पुलिस को ये आशंका और बढ़ गई है कि कहीं विकास दुबे ने भागने के लिए सरकारी गाड़ी के नंबर का इस्तेमाल तो नहीं किया है। पुलिस इस बात को लेकर और अलर्ट हो गई है। विकास बॉर्डर इलाके से भागने में सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर सकता है।