नई दिल्ली । निर्भया के दोषियों की ओर से एक अन्य वकील शम्स ख्वाजा कुछ देर पहले दिल्ली हाई कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कहा कि दोषियों की दया याचिकाओं पर राष्ट्रपति ने ठीक से विचार नहीं किया। एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने यौन उत्पीड़न मामलों में अपनी भावनाएं सार्वजनिक की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसे अपराधी माफी के लायक नहीं हैं।
इस पर जज ने कहा कि आप ये दलीलें अब क्यों दे रहे हैं, जब 6 घंटे बाद फांसी होने वाली है। जवाब में पेश वकील ने कहा कि ये तथ्य पहले रखे ही नहीं गए। वहीं, वकील से जज ने कहा कि अगर आप अपनी पिछली जेब मे कुछ रखेंगे तो यह आपकी गलती है। आपको पहले ही इसे कोर्ट के सामने रखना चाहिए था। अगर आप दलीलें जारी रखना चाहते हैं तो हम इसे सुबह साढ़े पांच बजे तक सुनते हैं। फिर हम आदेश जारी करेंगे।इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के बाद फांसी पर रोक लगाने की वकील एपी सिंह की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने भी बृहस्पतिवार देर रात सुनवाई के बाद खारिज कर दी। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट जा सकता है।इससे पहले सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील एपी सिंह को कई बार दिल्ली हाई कोर्ट ने फटकार भी लगाई। इस दौरान जज ने कहा कि आपका मुवक्किल भगवान से मिलने के नजदीक है। समय कम है। चार-पांच घंटे बचे हैं। कोई वैध बात है तो बताओ। समय खराब मत करो।कोर्ट ने कहा कि यह चौथा डेथ वारंट है, इस मामले में कुछ तो अपनी तरफ से शचिता दिखाइए।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा निर्भया के दोषियों की फांसी पर रोक लगाने की याचिका खारिज करने फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस पर न्यायमूर्ति मनमोहन की अगुवाई वाली डिविजन पीठ ने सुनवाई शुरू कर दी है। दोषियों के वकील कोर्ट में अपना पक्ष रख रहे हैं।
जज ने दोषियों के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि कोई शपथ पत्र नहीं और कोई तथ्य भी नहीं हैं आपके पास। आपको यह अर्जी दायर करने की अनुमति किसने दी?
इस पर दोषियों के वकील ने जवाब दिया कि कोर्ट में कोरोना वायरस के चलते फोटोकॉपी की दुकानें खुली नहीं हैं।
जज ने कहा कि अर्जी में ऐसा कोई वैलिड ग्राउंड नहीं है, जिससे निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाई जा सके। निचली अदालत ने भी इसी आधार पर फांसी पर रोक नहीं लगाई।
जवाब में दोषियों के वकील ने कहा कि ऐसे कई तथ्य हैं, जिन पर गौर नहीं किया गया।
निर्भया कांड तीन दोषियों ने हाई कोर्ट में अति आवश्यक याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत ने कई तथ्यों को दरकिनार किया है। दोषियों की कई अर्जी अभी विचाराधीन हैं। वहीं, दया याचिकाओं पर गौर किए बिना ही खारिज किया गया। ऐसे में डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए।
दिल्ली हाई कोर्ट की डिविजन बेंच के जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं।
निर्भया के चारों दोषियों की फांसी पर रोक लगाने वाली याचिका दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से खारिज होने के बाद तिहाड़ जेल में फांसी की तैयारी तेज कर दी है।
डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार के बाद तीन दोषी दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) पहुंच गए हैं। तीनों दोषियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।
शुक्रवार सुबह 5:30 बजे चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह) को फांसी दी जाएगी।
वहीं, फांसी पर रोक की याचिका खारिज होने पर परिजनों में भारी निराशा है। बृहस्पतिवार शाम दोषी मुकेश के परिजन उससे मुलाकात के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे। माना जा रहा है कि तिहाड़ जेल प्रशासन उनकी मुलाकात के लिए नियमों के मुताबिक कदम उठाएगा।
वहीं, फैसला आने के बाद निर्भया की मां कोर्ट के बाहर निकलने पर रो पड़ीं। अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि अब 7 साल बाद जाकर उनकी बेटी को न्याय मिलने जा रहा है। इससे पहले बृहस्पतिवार को कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी। कोर्ट के इस फैसले के बाद शुक्रवार सुबह 5:30 बजे चारों दोषियों विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को तिहाड़ जेल संख्या-3 में फांसी दी जाएगी।
वहीं, कोर्ट के फैसले पर दोषियों के वकील ने कहा है कि इन्हें भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भेज दो या फिर डोकलाम (भारत-चीन बॉर्डर) भेज दो, लेकिन फांसी मत दो। वे भारत-पाक या फिर चीन-भारत बॉर्डर पर देश की सेवा ही करेंगे। साथ ही कहा कि वे इस बाबत एक एफिडेविट भी देंगे।
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने लंच के बाद सुनवाई रोक दी थी। दरअसल, इस मामले में नया मोड़ आ गया था, क्योंकि एक दोषी मुकेश में जेल प्रताड़ना के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जिस पर बृहस्पतिवार को ही सुनवाई होनी है। वहीं, पटियाला हाउस कोर्ट के जज धर्मेंद्र राणा सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे।मिली जानकारी के मुताबिक, दोषी मुकेश ने तिहाड़ जेल में प्रताड़ना के आरोप की जो अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दी है। माना जा रहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने में अगले कुछ घंटे का समय लगेगा।