श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने फिल्म शिकारा की रिलीज पर रोक लगाने की मांग पर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी फिल्म शिकारा पर रोक लगाने और इसमें विवादास्पद दृश्यों को हटाने के लिए दायर याचिका पर आज शुक्रवार को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में हुइ सुनवाइ के बाद जज ने शिकारा फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी।
निर्माता-निदेशक विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा पर रोक लगाने के लिए कश्मीर के तीन लोगों पत्रकार माजिद हैदरी, इफ्तिखार अहमद मिसगर और इरफान हाफिज ने जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय श्रीनगर में दो दिन पहले एक जनहित याचिका दायर की थी। वीरवार को इस याचिका पर हाईकोर्ट में जस्टिस अली मोहम्मद मागरे और जस्टिस धीरज ठाकुर की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से आग्रह किया कि जब तक समर्थ प्राधिकरण द्वारा फिल्म की समीक्षा कर उसमें आवश्यक संशोधन नहीं किए जाते तब तक इसके प्रदर्शन पर रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिल्म से वह सभी दृश्य और डॉयलाग हटाए जाएं जिनसे देश में विशेषकर जम्मू कश्मीर में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हो सकता है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि जब याचिका पर अंतिम फैसला नहीं होता तब तक संबंधित पक्ष को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का निर्देश दिया जाए।
वहीं, याचिका दायर करने वाले माजिद हैदरी, इफ्तिखार मिसगर और इरफान हाफिज लोन के मुताबिक, फिल्म में कश्मीर मुस्लिमों को नकारात्मक तरीके से पेश किया गया है। समूचे कश्मीरी मुस्लिम समुदाय को कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। फिल्म का जो ट्रेलर रिलीज किया गया है, वह बताता है कि यह फिल्म सांप्रदायिक सदभाव को बिगाड़ सकती है। फिल्म में जिस तरह से कश्मीरी मुस्लिमों को दिखाया गया है, वह सच्चाई से दूर है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से अदालत में पैरवी कर रहे एडवोकेट शफकत अहमद ने कहा कि अदालत ने फिल्म निर्माता, केंद्र सरकार व सूचना मंत्रालय को भी नोटिस जारी कर उन्हें अदालत में अपना पक्ष रखने का कहा है। हमें पूरी उम्मीद है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अदालत फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाएगी।
डिवीजन बेंच ने संज्ञान लेते हुए कहा कि इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए अंतरिम राहत के आग्रह को देखते हुए इस मामले में अधिकारिक पक्षकारों का पक्ष जानना जरूरी है। इसलिए इस मामले की आज शुक्रवार सुबह दोबारा सुनवाई हुइ। आज सरकार का पक्ष सुनने के बाद फिल्म शिकारा की रिलीज पर रोक लगाने की मांग पर दायर याचिका को खारिज कर दिया।