प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। उन्हें बड़ी धनराशि के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर एसएस लॉ कॉलेज की एलएलएम छात्रा ने यौन शोषण और दुराचार का आरोप लगाया था। मामले में स्वामी चिन्मयानंद अभी उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर जिला जेल में बंद हैं। बता दें, जमानत पर करीब 2 माह पूर्व सुनवाई हुई थी, तब से कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।
इससे पहले बीते माह स्वामी चिन्मयानंद के पैरोल के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी। अर्जी में चिन्मयानंद के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा गया था कि इलाज कराने को उन्हें कुछ समय के लिए जेल से रिहा किया जाए।
चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा, उसके दोस्त संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर की हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मंजूर हो चुकी है। ब्लैकमेलिंग के आरोपितों को जमानत पर जेल से रिहा भी किया जा चुका है।
फेसबुक एक वीडियो जारी कर उत्पीड़न का था आरोप
स्वामी चिन्मयानंद के संस्थान एसएस लॉ कॉलेज शाहजहांपुर में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को फेसबुक एक वीडियो जारी कर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। वीडियो पोस्ट कर उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने पीडि़ता समेत कई लड़कियों का यौन शोषण किया है। उसने यह भी दावा किया कि उसके पास इसके सबूत हैं। यह वीडियो पोस्ट करने के बाद छात्रा गायब हो गई थी, जो कि बाद में राजस्थान में मिली थी। इसपर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लड़की को 30 अगस्त को कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट के आदेश पर फिलहाल वह दिल्ली में शार्ट स्टे होम में पुलिस सुरक्षा में रही और उसके माता-पिता भी दिल्ली लाए गए थे। इससे पहले शाहजहांपुर पुलिस ने 25 अगस्त को चिन्मयानंद के कानूनी सलाहकार ओम सिंह की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ जबरन वसूली और सूचना तकनीक ऐक्ट के तहत एफआएआर दर्ज कराई थी। इसके बाद इस केस में छात्रा के पिता की तहरीर पर स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और जान से मारने की धमकी मुकदमा दर्ज किया गया था।
कई दिनों की जद्दोजहद के बाद बीते साल सितंबर महीने में स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी उनके मुमुक्ष आश्रम से हुई थी। स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) टीम ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर चिन्मयानंद को आश्रम से गिरफ्तार किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने का निर्देश दिया था।