नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार चीनी कंपनियों को हाईवे प्रोजेक्ट्स में हिस्सा बनने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने कहा कि सरकार यह भी तय करेगी कि चीनी निवेशकों का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) जैसे सेक्टर में भी भाग न ले सकें।
गडकरी ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “हमने कड़ा रुख अपनाया है। हम उन जॉइंट वेंचर्स (संयुक्त उद्यमों) को भी अनुमति नहीं देंगे, जिनके पास चीनी पार्टनर हैं।” उन्होंने कहा कि जल्द ही भारतीय कंपनियों को हाईवे प्रोजेक्ट्स में प्राथमिकता देने के लिए नियमों में ढील देंगे। इसके लिए नीति बनाई जाएगी।
गडकरी से जब पूछा गया कि मौजूदा समय में कुछ प्रोजेक्ट्स हैं, जिसमें चीनी पार्टनल शामिल हैं। ऐसे में इनका क्या होगा? इस पर गडकरी ने कहा कि नया फैसला मौजूदा समय और भविष्य में निकाले जाने टेंडरों के लिए है। अगर भविष्य में कोई चीनी कंपनी जॉइंट वेंचर के जरिए आना चाहेगी तो भी उस पर रोक लगाई जाएगी। अगर प्रोजेक्ट में शामिल कंपनी की सहयोगी चीनी कंपनी है तो उसके लिए दोबारा टेंडर निकाला जाएगा।
भारतीय कंपनियों के लिए नियम आसान कर रहे
गडकरी ने कहा- सरकार घरेलू कंपनियों के लिए नियम आसान कर रही है ताकि वह बड़े प्रोजेक्ट्स में बोली लगा सकें। मैनें हाईवे सेक्रेटरी गिरिधर अरमाणे और एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के चेयरमैन एसएस संधू को निर्देश दिया है क वे एक मीटिंग करें और घरेलू कंपनियों के लिए नियमों को आसान करें। उन्होंने कहा कि अगर कोई कॉन्ट्रैक्टर छोटे प्रोजेक्ट के लिए चयनित हो सकता है तो वह बड़े प्रोजेक्ट के लिए भी चयनित हो सकता है।