हिमाचल के नगर निगम मंडी के चुनाव से पहले तैयार की जा रही मतदाता सूचियों में भारी गड़बड़ी सामने आई है। पुरानी मंडी वार्ड-2 की मतदाता सूची में 87 ऐसे लोगों के नाम शामिल कर लिए गए हैं, जिन्हें मरे हुए वर्षों बीत चुके हैं। वार्ड में मरने वाले लोगों की सूचना संबंधित परिवार पार्षद को देता है और पार्षद यही सूचना नगर परिषद को। मृतकों का नाम हटाना नगर परिषद का काम है। लेकिन सूची सामने आने से साफ है कि करीब एक दशक से नगर परिषद ने मरने वालों के नाम ही नहीं हटाए हैं। अभी तक वार्ड-2 की सूची में ही खामियां निकली हैं, शेष 14 वार्डों की मतदाता सूचियों को जांचा जाए तो ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं।
समाजसेवी सरिता हांडा ने सवाल उठाया है कि 2011 से लेकर अब तक जितने लोग मरे हुए हैं, उन सबका ब्योरा नगर परिषद के पास था। ऐसे में सवाल उठता है कि नगर परिषद ने नाम क्यों नहीं हटाए। उन्होंने कहा कि जो मरे हुए लोग हैं, उनके नाम हटाकर दोबारा वोटर लिस्ट बनाई जाए। मंडी जिला राजस्व अधिकारी राजीव सांख्यान ने बताया कि 28 नवंबर तक आपत्ति दर्ज करने का समय दिया गया था। कुछ आपत्तियां आई थीं, जिसके बाद नाम हटा दिए गए हैं। अगर कोई नाम रह गया होगा तो चुनाव आयोग को लिखा जाएगा। अभी 18 दिसंबर को फाइनल लिस्ट जारी होगी। वहीं, नगर निगम आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि मरे हुए लोगों का नाम न हटाने के मामले में जांच की जाएगी।