ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का शुभ-अशुभ प्रभाव व्यक्ति के पूरे जीवन पर पड़ता हैं, ज्योतिष में कुल नौ ग्रह बताए गए हैं, जिनमें से कुछ शुभ तो कुछ ग्रहों को पापक ग्रह माना गया है। जब इन पापक ग्रहों की स्थिति अशुभ होती है, तब इनके प्रभाव के कारण व्यक्ति गलत कार्य करने लगता है। इसका अर्थ यह नहीं है कि हर गलत कार्य करने वाले व्यक्ति पर ग्रहों का ही प्रभाव होता है, लेकिन कुछ लोग ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण गलत संगत आदि में फंसकर गलत कार्य करने लगते हैं।
ज्योतिष के अनुसार शनि, राहु और केतु को पापक ग्रह माना जाता है। इन ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण व्यक्ति गलत रास्ते पर चलकर पापकर्म करने लगता है। लेकिन हमेशा ही ऐसा नहीं होता है, इन ग्रहों की शुभ स्थिति व्यक्ति के लिए पुण्य का रास्ता भी दिखाती है।
शनि ग्रह
शनि ग्रह की अशुभ प्रभाव होने पर व्यक्ति आलसी हो जाता है। उसका व्यव्हार लापरवाह और दूसरों के प्रति कठोर होने लगता है, जिन लोगों पर शनि की बुरी दृष्टि होती है, वह व्यक्ति साफ-सफाई से नहीं रहता है और अनुशासनहीन हो जाता है। व्यक्ति बुरे कर्म की ओर अग्रसर होने लगता है। लेकिन जब किसी व्यक्ति पर शनि की शुभ दृष्टि पड़ती है तो वह व्यक्ति अपने साथ समाज का कल्याण भी करता है।
शनि की अशुभता से बचने के उपाय
शनि की कृपा दृष्टि के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
हर शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे संध्या के समय सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
राहु ग्रह
ज्योतिष के अनुसार पापक ग्रह राहु का जातक पर अशुभ प्रभाव होने पर व्यक्ति दूसरों के साथ छल-कपट, धोखा देना जैसे बुरे कार्य करने लगता है। ऐसे व्यक्तियों के नशे की लत लग जाती है। दूसरों को नुकसान पहंचाने के लिए षडयंत्र करने लगते हैं, और हर समय किसी न किसी को परेशान करते रहते हैं। लेकिन जब किसी व्यक्ति का राहु शुभ स्थिति में होता है तो अध्यात्म की ओर चला जाता है और कोई बुरे कार्य नहीं करता है। राहु को शुभ करने के लिए ये उपाय करने चाहिए।
उपाय
हमेशा सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।
भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति पर केतु के अशुभ प्रभाव होते हैं, तो व्यक्ति सही रास्ते का त्याग करके गलत मार्ग पर चलने लगता है। ऐसे लोग ईश्वर के विरोधी होते हैं। हर कार्य के लिए ईश्वर को दोषी ठहराते हैं, और मानसिक रुप से असंतुलित होने के कारण बुरे कार्य करते हैं। लेकिन जब यह ग्रह शुभ फल देता है तो व्यक्ति तीर्थ यात्राएं करनेलगता है, और ईश्वर के प्रति श्रद्धाभाव रखता है। केतु के शुभ प्रभाव व्यक्ति से अच्छे कार्य कराते हैं, जिसके कारण व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए जातक को गणपति महाराज की पूजा-आराधना करनी चाहिए।