इराक की राजधानी बगदाद में एयरपोर्ट को निशाना बनाकर दागा गया रॉकेट एक घर पर गिर गया। इसमें एक परिवार की दो महिलाओं और तीन बच्चों की मौत हो गई। एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए यह रॉकेट दागा गया था। इराक में पिछले साल से ही अक्सर अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर ऐसे हमले होते रहते हैं। हालांकि, इनमें आम इराकी नागरिकों की मौत काफी कम हुई है।
इराक की सेना ने सोमवार को हुए हमले के बाद कहा कि यह क्रिमिनल गैंग का काम है जो लोगों में डर पैदा करना चाहते हैं। वहीं, इराक की खुफिया सूत्रों के मुताबिक, यह ईरान के सपोर्ट से काम करने वाले कुछ छोटे आपराधिक संगठनों का काम है।
अब तक किसी ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
आम तौर पर इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिका का कट्टर दुश्मन ईरान ट्वीट कर खुशी जाहिर करता है। हालांकि, इस बार आम नागरिकों की मौत की वजह से ईरान ने ऐसा कुछ नहीं किया है। इससे पहले हुए हमलों की जिम्मेदारी लेने वाले छोटे-बड़े दर्जनों संगठनों ने भी इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।
अमेरिका ने दी थी सैनिक वापस नहीं बुलाने की चेतावनी
अमेरिका ने सोमवार को यह चेतावनी दी थी कि जब तक इराक में अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर हमले बंद नहीं होते तब तक न तो यह अपने सैनिकों को बुलाएगा और न ही दूतावास बंद करेगा। लोकल मीडिया के मुताबिक, इसी बयान से नाराज होकर किसी संगठन ने यह बगदाद एयरपोर्ट पर तैनात अमेरिकी सैनिकों को निशाने बनाने की कोशिश की।
अक्टूबर से इस साल जुलाई के बीच 39 रॉकेट दागे गए
इराक में पिछले साल अक्टूबर से लेकर इस साल जुलाई के बीच 39 रॉकेट हमले किए गए हैं। इसके बाद भी करीब इतने ही हमले हुए हैं। इनमें ब्रिटेन के दो, इराक के एक और एक अमेरिकी सैनिक की मौत हुई है। इसके साथ ही इराक और अमेरिका के कॉन्ट्रैक्टर्स की भी मौत हुई है। वहीं, कई आम नागरिक भी जख्मी हुए हैं।