आज के समय में बिना फिटनेस हासिल किए क्रिकेट या दूसरे खेल खेलना काफी मुश्किल है। फिटनेस ही है जो एक कोच या टीम किसी खिलाड़ी में टैलेंट के अलावा देखती है। एक दशक पहले तक खिलाड़ियों के पास फिटनेस न होने के बावजूद राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका मिल जाता था लेकिन आज के समय यह नामुमकिन सा है। सन 2000 के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करने के लिए 20 मीटर दौड़ कर जाना और फिर वापस आना होता था। आज प्लेइंग इलेवन में खेलने के लिए खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट पास करना होता है। भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि अगर पिछले दशक में यो-यो टेस्ट होता तो कौन से तीन खिलाड़ी उसे आसानी से पास कर लेते।
फर्स्टपोस्ट’ के एक इंटरव्यू में इरफान पठान से पूछा गया कि पिछले दशक में कौन से तीन खिलाड़ी आसानी से यो-यो टेस्ट पास कर लेते। इस पर उन्होंने जबाव देते हुए सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद कैफ का नाम लिया। तीसरे नंबर के लिए उन्होंने अपना नाम बताया। पठान के मुताबिक सचिन फिटनेस को लेकर काफी जुनूनी थे जबकि मोहम्मद कैफ की विकेटों के बीच दौड़ काफी तेज थी। इसी वजह से उस समय उनका नाम दुनिया के सबसे तेज फील्ड़रों में शामिल था।