लखनऊ। कोरोना महामारी और इससे निपटने के लिए हुए लाॅकडाउन का असर पवित्र माह रजमान पर भी पड़ रहा है। सभी मुस्लिम भाई-बहन इस बार घरों में रहकर रोजा रखते हुए अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। मस्जिदें बंद हैं। महामारी के खिलाफ चल रही इस लड़ाई में लखनऊ के मुस्लिमों ने एक और मिसाल पेश करते हुए इस बार 19वीं रमजान व 21 रमजान पर जुलूस न निकालने का फैसला लिया है।
बुधवार को मौलाना मीसम जैदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस निर्णय की जानकारी दी। साथ ही सभी मुस्लिमों व रोजेदारों से कोविड-19 के खिलाफ चल रही लड़ाई में सहयोग करने की अपील भी की। हर बार हजरत अली की शहादत को याद करते हुए 19वीं रमजान पर लखनऊ में जुलूस निकाला जाता है। यह जुलूस सआदतगंज स्थित मस्जिद कूफा से उठकर चैक थानाक्षेत्र स्थित मौलाना मुत्तकी जैदी के घर जाता था।
21वीं रमजान का जुलूस सआदतगंज स्थित कर्बला नजफ से उठकर कर्बला तालकटोरा जाता था। लेकिन इस बार यह जुलूस भी कैंसिल कर दिया गया है। राजधानी में निकलने वाले इन जुलूसों में करीब 1 लाख लोग शामिल होते थे। मौलाना ने सभी अपील कि इस बार सभी लोग घर में रहकर मजलिस और मातम करें।