नई दिल्ली। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है। अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हिन्दू धर्म में हर व्रत से किसी न किसी पेड़-पौधे की पूजा करने का महत्व भी जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा होती है। अक्षय नवमी के दिन स्नान, पूजा और दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
अक्षय नवमी दिवाली से 8 दिन बाद पड़ती है। इस साल की अक्षय नवमी 5 नवंबर यानी आज है। इस दिन आंवले के पेड़ के अलावा भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है।
शुभ होता है आंवले के पानी से नहाना
अक्षय नवमी के दिन पानी में आंवले का रस मिलाकर नहाने की परंपरा भी होती है। ऐसा माना जाता है कि ये करने से हमारे आसपास से नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म होती है, सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता बढ़ती है, साथ ही ये त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। आंवले का रस पीने से भी त्वचा में निखार और चमक आ जाती है।
क्या है आंवले की पूजा का महत्व
पुरानी मान्यता है जो लोग इस नवमी पर आंवले की पूजा करते हैं, उन्हें देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आंवला नवमी के संबंध में कथा प्रचलित है कि प्राचीन समय में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर देवी लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष के नीचे शिवजी और विष्णुजी की पूजा की थी। तभी से इस तिथि पर आंवले के पूजन की परंपरा शुरू हो गई।
सेहत के लिए भी फायदेमंद है आंवला
आंवला का धार्मिक महत्व तो है कि लेकिन इसके साथ इसके और भी कई फायदे हैं। आंवले अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर के लिए खासकर दिल के लिए काफी अच्छा होता है। पेट से जुड़े कई इंफेक्शन के लिए भी आंवला फायदेमंद होता है, इसे खाने से कब्ज़ की समस्या भी दूर होती है। वहीं, अगर बालों में आंवला लगाया जाए तो इससे वो चमकदार हो जाते हैं और गिरते बालों से मुक्ति भी मिल जाती है। नियमित रूप से आंवले का जूस बालों में लगाने से काफी फायदा मिलता है।