काबुल । अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मंगलवार को हुए भीषण बम विस्फोट की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ले ली है। इस हमले में 25 लोग मारे गए और 50 से ज्यादा घायल हुए हैं। विस्फोट काबुल के मध्य स्थित सरदार मुहम्मद दाऊद खान मिलिट्री अस्पताल के प्रवेश द्वार के करीब हुआ। यह अफगानिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य अस्पताल है, इसमें 400 बेड हैं।
तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी के अनुसार विस्फोट के बाद अज्ञात बंदूकधारियों ने फायरिंग भी की। इससे भी कुछ लोगों के मारे जाने की आशंका है। मौके पर पहुंचे तालिबान के सुरक्षा बलों ने इन बंदूकधारियों को मौके पर ही घेर लिया। दोनों ओर की फायरिंग में चार हमलावर मारे गए, जबकि एक को जिंदा पकड़ लिया गया है। तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में विस्फोटों का सिलसिला जारी है। इनमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। पूर्व में हुए विस्फोटों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली है। शक है कि इस हमले में भी आइएस का ही हाथ है।
जिस स्थान पर विस्फोट हुआ, उसके इर्द-गिर्द धुएं का बड़ा गुबार कई मिनट बना रहा। धुआं छंटने पर बड़ी जनहानि का पता चला। उसके बाद घायलों को आसपास के अस्पतालों में ले जाया गया। जिस स्थान पर विस्फोट हुआ, वह वजीर अकबर खान इलाके के नजदीक है। यह वह इलाका है, जहां तालिबान के शासन से पहले विभिन्न देशों के दूतावास थे।
तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान में आइएस के मजबूत होने और आतंकवाद के तेजी से फैलने का खतरा पैदा हो गया है। ठंडक का मौसम और खाने की कमी इस संकट को और बढ़ा सकती है।
तालिबान और एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि विशाल स्थल के प्रवेश द्वार के करीब दो विस्फोट हुए, जिसके बाद अस्पताल के अंदर गोलीबारी की खबर आई। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 19 शवों और लगभग 50 घायलों को काबुल के अस्पतालों में ले जाया गया है।
अब तालिबान अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के संघर्ष का सामना कर रहे हैं, जो हाल के हफ्तों में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट आफ खुरासान द्वारा खूनी हमलों की एक श्रृंखला से प्रभावित हुआ है। काबुल के सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि मैं अस्पताल के अंदर हूं। मैंने पहली चौकी से एक बड़ा विस्फोट सुना। हमें सुरक्षित कमरों में जाने के लिए कहा गया। मुझे गोलियों की आवाज भी सुनाई दी।
ज्ञात हो कि 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती बम विस्फोट में 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक समेत कुल 182 लोगों की मौत हो गई थी। यह धमाका आतंकी संगठन आईएस खुरासान ने किया था। एक के बाद एक हुए सिलसिलेवार तीन बम धमाकों और भीड़ पर कुछ बंदूकधारियों द्वारा गोलीबारी करने से 12 मरीन कमांडो समेत 13 अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों की भी जान गई।