इजरायल में एक साल के अंदर तीसरी बार संसदीय चुनाव कराने का एलान कर दिया गया है। यह चुनाव अगले साल दो मार्च को कराया जाएगा। गत सितंबर में हुए संसदीय चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिलने पर राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन ने पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फिर विपक्षी नेता बेनी गेंट्स को सरकार बनाने का मौका दिया था। इजरायली संसद को भंग करने के लिए प्रस्ताव के पक्ष में 94 सांसदों ने मतदान किया। विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा।
लेकिन दोनों नेता बुधवार की समयसीमा तक गठबंधन सरकार बनाने में विफल रहे। इजरायली संसद को भंग करने के लिए गुरुवार को लाए गए प्रस्ताव के पक्ष में 94 सांसदों ने मतदान किया। विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा। इजरायल में एक साल के अंदर तीसरी बार संसदीय चुनाव नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के साये में होंगे। उन्होंने हालांकि कुछ भी गलत करने से इन्कार किया है। उनका कहना है कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि आलोचकों का आरोप है कि प्रधानमंत्री कानून व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। 70 वर्षीय नेतन्याहू नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
नहीं मिला था किसी को बहुमत
इजरायल में गत 17 सितंबर को हुए संसदीय चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला था। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 32 और गेंट्स की ब्लू एंड ह्वाइट पार्टी को 33 सीटें मिली थीं। बाकी सीटों पर छोटी पार्टियों ने जीत दर्ज की थी। इससे पहले गत अप्रैल में हुए चुनाव में भी किसी को बहुमत नहीं मिला था।