कोरोना टीकाकरण के मामले में इजराइल इस समय पूरी दुनिया से सबसे आगे चल रहा है। इजराइल ने 20 दिनों में अपनी आबादी के पांचवे हिस्से को टीका लगा दिया है, यानि कि अब तक लगभग 18 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इजराइल ने ब्रिटेन से 50 फीसदी ज्यादा कीमत चुकाई है, ताकि वैक्सीन की ज्यादा और जल्दी सप्लाई की सुविधा का फायदा उठा सके।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली फाइजर कंपनी के सीईओ अल्बर्ट बोर्ला को कुछ ही दिन के अंदर 17 बार फोन किया था। ऐसा इसलिए ताकि वैक्सीन की ज्यादा डोज उन्हें जल्द से जल्द मिल सके। इजराइल के विपक्षी नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि नेतन्याहू ने अपनी गिरती लोकप्रियता और राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए वैक्सीन के लिए ज्यादा कीमत चुकाई है। फाइजर की जिस वैक्सीन के लिए ब्रिटेन ने 30 यूरो (करीब 2,700 रुपये) प्रति डोज दिए, जबकि इजराइल ने इसके लिए 45 यूरो (करीब चार हजार रुपये) दिए।
इजराइल ने वैक्सीन की कीमत इसलिए दोगुनी चुकाई है। इधर फाइजर के प्रवक्ता ने कहा कि वैक्सीन की कीमत और मात्रा पहले से तय किए गए वादे पर आधारित है।
इधर कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जापान सख्ती से कार्रवाई करने पर जोर दे रहा है। जापान में अगर अस्पताल में भर्ती करने से मना किया जा रहा है तो सरकार इसमें कड़े कानून बनाने जा रही है। अस्पताल में भर्ती होने से मना करने वालों पर सरकार आपराधिक दंड लगाएगी। शुक्रवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। सरकार संसद में इस संबंध में कानून लाने जा रही है। यह कानून खतरनाक संक्रामक बीमारियों पर लागू होगा। इस कानून के तहत जापान में कोई भी अस्पताल मरीज को भर्ती करने से मना नहीं कर सकेगा।