नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने जम्मू कश्मीर में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनाव में हिस्सा लेने का फैसला किया है, लेकिन पार्टी उसकी राह में अटकाए गए ‘रोड़े’ हटाना चाहती है, ताकि वह मुक्त रूप से चुनाव प्रचार कर सके।
जम्मू कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) शैलेंद्र कुमार को लिखे पत्र में नेकां के केंद्रीय सचिव रतन लाल गुप्ता ने कहा कि पार्टी लोकतांत्रित प्रक्रिया की सख्त समर्थक है और वह 11,000 से अधिक सीटों पर पांच मार्च से आठ चरण में होने वाले चुनावों में हिस्सा लेना चाहती है। पत्र की एक प्रति मुख्य चुनाव आयुक्त को भी भेजी गई।
पत्र में कहा गया है कि पार्टी के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, महासचिव अली मोहम्मद सागर समेत इसके शीर्ष नेताओं को जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिए जाने के कारण चुनाव में हिस्सा लेना व्यवहारिक रूप से पार्टी के लिए मुश्किल है। पत्र के अनुसार इसलिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया और मौजूदा हालातों में चुनाव प्रचार असंभव है।
पिछले साल जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित क्षेत्र बनने के बाद पहली बार यहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं। ये चुनाव 2018 के चुनाव के उलट पार्टी लाइन की तर्ज पर लड़े जाएंगे। गुप्ता ने कहा कि उनकी पार्टी लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों और विभिन्न स्तरों पर प्रतिनिधियों को चुनने के उनके अधिकार में दृढ़ विश्वास रखती है। उन्होंने सीईओ से पार्टी को सलाह देने का अनुरोध किया कि कैसे इन रोड़ों को दूर किया जाए जो उसकी राह में अटकाए गए हैं।