आईपीसी की धारा 270 :
किसी जानलेवा बीमारी, महामारी को फैलाने के लिए किया गया घातक या फिर नुकसानदायक काम, जिससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। आरोपी ने अगर जानबूझकर महामारी को फैलाने के लिए कदम उठाया हो। इसमें छह महीने की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
इन अपराधों में लगती है धारा 269 :
किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया गैर जिम्मेदाराना काम। इससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। इस धारा के तहत अपराधी को छह महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
अंग्रेजों ने बनाया था कानून :
1897 में देश प्लेग की महामारी से जूझ रहा था। बंबई (तत्कालीन नाम) से इस रोग की शुरुआत हुई थी। इसने इतना भयानक रूप अख्तियार कर लिया था कि हर गांव-हर घर में मौतें हो रही थीं। प्लेग की सूचना यूरोप पहुंची तो भारत से दूसरे देशों ने व्यापार बंद कर दिया। आखिरकार ब्रिटिश हुकूमत ने 4 फरवरी, 1897 को महामारी एक्ट लागू किया। इसके तहत, अंग्रेजी सरकार के अधिकारियों को विशेष अधिकार मिल गए। इसके तहत वे किसी की भी जांच कर सकते थे और उन्हें रोक सकते थे।