लखनऊ। स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए जनसंख्या का नियंत्रित होना जरूरी है। जनसंख्या का स्थिरीकरण करके ही समाज की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। किसी भी देश की जनसंख्या उसकी सकल प्रजनन दर पर निर्भर है। जनसंख्या वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण विषय पर लोगों का जागरूक होना आवश्यक है। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। शनिवार को सीएम योगी ने अपने सरकारी आवास पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का शुभारम्भ किया। साथ ही कोविड-19 की जांच के लिए नवसृजित मण्डलीय बीएसएल-2 प्रयोगशालाओं का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम का संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, बीएसएल-2 की सात प्रयोगशालाओं का आज लोकार्पण किया जा रहा है। अब प्रदेश के सभी मण्डलों में कोविड-19 की जांच के लिए टेस्टिंग लैब उपलब्ध हो गयी हैं। बीएसएल-2 व 3 लेवल की लैब्स कोविड-19 की चुनौतियों के साथ-साथ वेक्टर जनित बीमारियों में भी काफी कारगर सिद्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोराना और संचारी रोगों की रोकथाम के लिए सतर्कता और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। वर्तमान समय में पूरे प्रदेश में 3 तीन दिन का विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।
विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों की सराहना की। कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ी जनसंख्या वाला राज्य है। लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से जनसंख्या को नियंत्रित करना आवश्यक है। देश की तुलना में उत्तर प्रदेश की प्रजनन दर अधिक है। सकल जनसंख्या घनत्व का प्रभाव मातृ एवं शिशु मृत्युदर से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में भारत की सकल प्रजनन दर 2.2 व उत्तर प्रदेश की 2.7 है। प्रत्येक नागरिक को यह समझने की आवश्यकता है कि जनसंख्या को नियंत्रित करके ही हम अपने बेहतर कल की कल्पना को साकार कर सकते हैं।