इटावा। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ जसवंतनगर विधानसभा मे करीब एक दशक से मोर्चा खोले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता मनीष यादव समर्थकों के साथ रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में सपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद लौटे मनीष को यहां लाल टोपी और फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया।
इस मौके पर मनीष यादव ने कहा कि हमारा परिवार पहले से ही समाजवादी था। मेरे बड़े भाई दलवीर यादव समाजवादी छात्र सभा के जिलाध्यक्ष पद पर रहे है, उनकी हत्या के बाद हालात खराब होने के कारण 14 वर्ष तक समाजवादी पार्टी से दूरियां बनी रही लेकिन आज 14 वर्ष के बाद पुनः अपने परिवार वापसी हुई है। विधानसभा चुनाव में तीनों सीटों पर मेहनत करके भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव मे भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उन्हे 75 हजार वोट मिले थे। उनके सपा में शामिल होने के बाद अब जसवंतनगर विधानसभा सीट पर झंडा उठाने वाला भी कोई भाजपा को नही मिलेगा। इस विधानसभा सीट से शिवपाल सिंह यादव या उनके बेटे आदत्यि यादव चुनाव मैदान मे उतरे उनको हर हाल मे जिताने मे अपनी ताकत का इस्तेमाल किया जाएगा।
मनीष यादव ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य उनके गुरु हैं और उनके इशारे पर ही उन्होने भी बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। साल 2012 में मनीष यादव ने जसवंतनगर विधानसभा सीट से शिवपाल सिंह के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ा था। साल 2017 में जब स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुए तो साथ में मनीष यादव अपने गुरु स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। 2017 में एक बार फिर से शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ बीजेपी से चुनाव लड़े और इस चुनाव में शिवपाल सिंह के खिलाफ जसवंतनगर सीट पर 75 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे।