ये नेता सपा में हुए शामिल
स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी, पूर्व मंत्री विधायक भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, डॉ मुकेश वर्मा, बृजेश कुमार प्रजापति, चौधरी अमर सिंह अपना दल से पूर्व विधायक, अली युसुफ पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक नीरज, बलराम सैनी पूर्व विधायक, राजेंद्र सिंह पटेल, धनपत राम पूर्व मंत्री, पद्म सिंह, अयोध्या पाल पूर्व विधायक, बंशी लाल, राम अवतार, आरके मौर्य आदि ने ली सपा की सदस्यता।
स्वामी प्रसाद मोर्य ने कहा कि समाजवाद और आंबेडकरवाद को बचाना पहला कर्तव्य है। भाजपा को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है। मकर संक्रांति भाजपा के अंत का इतिहास लिखने जा रहा है। भाजपा के तमाम नेताओं ने संपर्क किया। वे पहले विधायकों की बात नहीं सुनते थे, इस इस्तीफे के बाद अब उनकी नींद उड़ी है।
भाजपा ने गरीबों की आंख में धूल झोंकी: स्वामी
पांच साल तक इस्तीफा नहीं देने पर सवाल उठ रहा है। ऐसे लोगों से कहना है कि भाजपा ने गरीबों की आंख में धूल झोंकी। केशव और स्वामी प्रसाद के नाम पर सरकार बनाई। केशव या स्वामी प्रसाद को सीएम बनाना था। फिर दूसरे का नाम आया। इसके बाद गोरखपुर से लाकर बैठा दिया।
वे हिन्दू का हमदर्द बनते हैं लेकिन किया क्या: मौर्य
80 और 20 का नारा अब 15 और 85 का होगा। 85 हमारा है और 15 में बंटवारा होगा। वे हिन्दू का हमदर्द बनते हैं लेकिन किया क्या। वे अजगर की तरह आरक्षण निगल रहे हैं। शिक्षकों की भर्ती में क्या किया। अनुसूचित और जनजाति हिन्दू नहीं है क्या। पिछड़े वर्ग के लोग हिन्दू हैं तो फिर क्यों निगल गए।
सीएम की कुर्सी पर बैठकर पाप करना कहां का हिंदुत्व है: मौर्य
स्वामी ने कहा कि कैबिनेट में चिकित्सा शिक्षा विभाग का प्रस्ताव आया, चूंकि अनुसूचित के उम्मीदवार नहीं है इसलिए इसे सामान्य से भर दिया जाए। इसका विरोध किया। बिना आवेदन के भरना चाहते थे। इस तरह से हक मरा जा रहा है। सीएम की कुर्सी पर बैठकर पाप करना कहां का हिंदुत्व है। एससी-एसटी ओबीसी हिंदू नहीं है तो उनका जाना तय है। बंटवारे की लाइन उन्होंने खींची है। स्वामी प्रसाद ने कहा कि अब यह समाजवाद के साथ लोहियावाद का भी जमावड़ा हुआ है।
जिसका साथ छोड़ता हूं तबाह हो जाता है: मौर्य
लखीमपुर की घटना गोरखपुर की घटना कोई भूला नहीं है। गोरखपुर में गुंडा राज है। वहां एक-एक करके सात हत्या हुई। वहां योगी की जाति का थानेदार था। गगहा थाने का मामला है। दो मौर्य, दो ब्राह्मण और दो वैश्य थे, एक अज्ञात महिला थी। मेरे चेतावनी देने के बाद थानेदार हटाया गया। भाजपा ने धोखा दिया है। उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। 14 जनवरी का संकल्प पूरा होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी नहीं बनाई है। फिर भी पार्टी से हैसियत काम नहीं रखते है। अखिलेश से हाथ इसलिए मिलाया क्योंकि वे नौजवान है और प्रगतिशील विचार रखते हैं। उनके साथ मिलकर क्रांति करेंगे। जिसका साथ छोड़ता हूं तबाह हो जाता है। मायावती उदाहरण है।