19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर साल का आखिरी चंद्रग्रहण घटित होने वाला है। यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है। जिसके कारण सूतक काल मान्य नहीं है। धार्मिक मान्यता अनुसार ग्रहण काल में शुभ कार्य करना वर्जित होता है। किंतु ग्रहण काल के दौरान दान का बहुत महत्व होता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान श्वेत वस्तुओं का दान करने से चंद्र ग्रहण शुद्ध होता है। मानसिक पीड़ा दूर होगा मन शांत व संतुलित होता है। व संतुलित चित वाले व्यक्ति के सभी निर्णय फलीभूत होते हैं। आय में वृद्धि होती है।
ग्रहण काल के दौरान निकाली हुई सफेद तिल की गजक को किसी जरूरतमंद को दान करें। व्यवसाय एवं व्यापार मे उन्नति होगी।
ग्रहण काल में निकाली हुई रोटी काले सफेद कुत्ते को खिलाएं। जीवन में आ गई विपत्तियों से मुक्ति मिलेगी।
मानसिक रोगी ग्रहण उपरांत चंद्रमा के दर्शन कर चांदी के लोटे से चंद्रमा को अर्घ दे। मानसिक पीड़ा दूर होगी।
चंद्र ग्रहण के दौरान शिव मंत्रों का जाप करें। विवादों व अवसाद से मुक्ति मिलेगी।
प्रभाव
2021 का यह आखिरी चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि व कृतिका नक्षत्र में लगेगा। इस राशि व नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस ग्रहण का खासा प्रभाव रहेगा।
अवधि
भारतीय समय अनुसार 19 नवंबर 2021 का यह चंद्र ग्रहण 12 बजकर 48 मिनट से प्रारंभ होकर सांय 4 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। उस हिसाब से यह लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण 3 घंटे 29 मिनट तक रहेगा।
इतनी लंबी अवधि का चंद्रग्रहण 580 वर्ष पहले घटित हुआ था। चंद्रग्रहण की अवधि चंद्रमा की धरती से दूरी कितनी है, यह तय करती है।
कहां देखा जाएगा ग्रहण
यह चंद ग्रहण भारत में इंफाल (मणिपुर की राजधानी) व उसके आसपास के क्षेत्रों में देखा जाएगा। असम, अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों में भी इस ग्रहण की दृश्यता रहेगी।
अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, एंटार्कटिका और प्रशांत महासागर जैसे देशों में इस ग्रहण को देखा जाएगा। आंशिक ग्रहण होने के कारण सूतक काल मान्य नहीं रहेगा।
राशियों पर प्रभाव
ज्योतिषीय गणना अनुसार इस ग्रहण का शुभ प्रभाव मिथुन, वृश्चिक, मकर व कन्या राशि के जातकों पर रहेगा। जिसके चलते इन राशि के जातकों को आर्थिक लाभ होगा। अच्छे संपर्क स्थापित होंगे। नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिल कर शुभ समय का आगमन होगा।
वहीं इसके विपरीत वृषभ, तुला, कुंभ व सिंह राशि वाले जातकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। व्यर्थ विवादों से स्वयं का बचाव रखना होगा। आर्थिक निर्णय लेने से पूर्व विचार विमर्श अवश्य करें। भाग्योदय के लिए किसी विशेषज्ञ से अपनी कुंडली विश्लेषण कराकर उचित उपाय, दान, व जाप करें। शुभ फल की प्राप्ति होगी।