लखनऊ। पिछले दिनों मृतक कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग से अभी भी केजीएमयू के डॉक्टर से लेकर अधिकारी व कर्मचारी डरे सहमे हुए हैं। बुजुर्ग का इलाज करने वाली नर्स को एक होटल में क्वॉरंटीन किया गया है। तीन दिन पहले वह होटल के कमरे में बेहोश हो गई थी। आनन-फानन उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। जांच पड़ताल व इलाज के बाद होश आया। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना जांच नेगेटिव आई है।
नजीराबाद निवासी बुजुर्ग को बुखार, सांस लेने में दिक्कत के बाद 11 अप्रैल को परिवारीजन ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे थे। कैजुअल्टी के डॉक्टर ने मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया था। पर्चे पर कोविड-19 संदिग्ध लिखकर कोरोना वार्ड ले जाने की सलाह दी थी। केजीएमयू के वरिष्ठ डॉक्टर ने मरीज को डायबिटीज की वजह से परेशानी होने की बात कही। मरीज को भर्ती करने के निर्देश दिए। इसके बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुजुर्ग को भर्ती कर लिया। पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी की जांच कराई। मरीज को मेडिसिन विभाग में शिफ्ट करा दिया। दो घंटे बाद मरीज को न्यूरोलॉजी विभाग के ट्रायेज एरिया में शिफ्ट कर दिया गया। सोमवार को मरीज की कोरोना जांच पॉजिटिव आई। इसके बाद 65 डॉक्टर व कर्मचारियों को क्वॉरंटीन में भेज दिया गया।
नेशनल कॉलेज के पास एक होटल में बुजुर्ग को वीगो, इंजेक्शन लगाने वाली नर्स को क्वॉरंटीन किया गया। तीन रोज पहले वह होटल के कमरे में बेहोश हो गई थी। भीतर से बंद दरवाजे को खोलने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। नर्स को बेहोश देख केजीएमयू के अफसरों को फोन पर घटना की सूचना दी गई। आनन-फानन उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। कोरोना की जांच कराई। रिपोर्ट नेगेटिव आई। तब जाकर डॉक्टरों ने राहत की सांस ली। अधिकारियों का कहना है कि नर्स घबरा गई थी। अब उनकी तबीयत पूरी तरह से ठीक है।