जामिया मिलिया इस्लामिया के शताब्दी स्थापना वर्ष पर कोरोना का ग्रहण लगा हुआ है। ऐसे में जहां शताब्दी स्थापना वर्ष के लिए तैयार किए अधिकांश कार्यक्रम रद किए गए हैं, तो वहीं प्रत्येक वर्ष स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाला तालिमी मेले का आयोजन भी इस बार नहीं होने जा रहा है।
सीमित छात्रों की मौजूदगी के साथ मनेगा स्थापना वर्ष
जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना 29 अक्टूबर को 1920 को गई थी। प्रत्येक साल इसी तारीख पर स्थापना दिवस के अवसर पर जामिया विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करता है, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से कई कार्यक्रमों के आयोजन पर असर पड़ा है। आलम यह है कि जामिया ऑफलाइन ही सीमित छात्रों की मौजूदगी में स्थापना दिवस समारोह मनाने जा रहा है।
शताब्दी स्थापना समारोह के संयोजक प्रो जुबैर मिनाई ने बताया कि कोरोना की वजह से छात्र इन दिनों अपने घरों से ही ऑनलाइन माध्यम से पढ़ रहे हैं।तो वहीं छात्रावास भी खाली हैं, ऐसे में एनएसएस समेत कुछ अन्य विभागों के छात्र ही परिसर में हैं, जिनकी मौजूदगी में सामाजिक दूरी के नियमों के साथ एक छोटा सा समारोह आयोजित करने की योजना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि समारोह पर एक शॉट फिल्म का प्रसारण भी किया जाएगा।
शताब्दी स्थापना समारोह पर नए कलेवर में जामिया का तराना
जामिया मिलिया इस्लामिया का बहुप्रचलित तराना शताब्दी स्थापना दिवस समारोह पर नए कलेवर के साथ आएगा। जामिया के जनसंपर्क अधिकारी अहमद अजीम ने बताया कि शताब्दी वर्ष के लिए जामिया के दुनियाभर में फैले पूर्व छात्र जामिया कलेवर को नया कलेवर देने में जुटे हुए हैं। जिसके तहत बोल में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है, लेकिन संगीत के साथ धुन में कई बदलाव पूर्व छात्रों की तरफ से किए जा रहे हैं। जिसे शताब्दी स्थापना समारोह के अवसर पर दुनियाभर में फैले पूर्व छात्र की तरफ से रिकॉडे करके प्रसारित किया जाएगा।
100 सालों में टेंट से बहुमंजिला ईमारत में जामिया
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 100 सालों में टेंट से बहुमंजिला ईमारत का सफर तय किया है। 29 अक्टूबर 1920 के दिन अलीगढ़ में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्थापना टेंटों में की गई थी।जाने माने स्वतंत्रता सेनानी और मुस्लिम धर्मज्ञ, मौलाना महमूद हसन ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की आधारशिला रखी थी। 22 नवम्बर 1920 को, हकीम अजमल ख़ान जामिया के प्रथम चांसलर निर्वाचित हुए। अल्लामा इकबाल ने गांधीजी द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया इसलिए मौहम्मद अली जौहर जामिया के पहले वाइस चांसलर, बने। जामिया को 1925 में अलीगढ़ से करोल बाग में स्थानांतरित किया गया था।