नई दिल्ली। सोमवार को चांद का दीदार होने पर मंगलवार को कश्मीर से कन्याकुमारी तक ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। मुस्लिम समाज के लोगों ने एक साथ नमाज पढ़ी और नमाज के दौरान अल्लाह की इबादत कर मुल्क की सलामती के लिए दुआ मांगी। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को ईद- उल- फितर का पर्व धूमधाम से मनाया गया। मुस्लिम समाज के लोगों ने एक साथ नमाज पढ़ी और देश की सलामती के लिए दुआं की। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की बधाई दी। गांधी नगर मदीना मस्जिद पर नमाज पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते इतनी बड़ी संख्या में लोग नमाज पढ़ने के लिए नहीं पहुंचे थे। लेकिन इस बार कोरोना के मामले कम हैं और लोगों ने एक साथ नमाज पढ़ी।
दरअसल, सोमवार रात चांद दिखाई देने पर मौलाना ने मंगलवार को ईद का त्योहार मनाए जाने का ऐलान किया। ईद को लेकर ही सोमवार को यमुनापार के बाजारों में बच्चों से लेकर बड़े तक सभी खरीदारी करने में जुटे रहे। सीलमपुर, चौहान बांगर, जाफराबाद, शास्त्री पार्क, खुरेजी आदि जगहों पर लोग ड्राई फ्रूट से लेकर फल तक खरीदते दिखे। सीलमपुर मार्केट में तो इतनी भीड़ जुटी रही कि पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही थी। इसके साथ ही बाजारों में जगह जगह महिलाएं व युवतियां हाथों में मेंहदी लगवाती भी नजर आईं। ईद के दिन नए कपड़े पहनकर नमाज अदा की जाती है। एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी जाती है
वहीं, मुस्लिम समाज के लोगों ने सुबह फोन और व्हाट्सएप पर भी दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। अपने-अपने घरों में युवा, बुजुर्ग और बच्चों ने ईद उल.फितर की नमाज अता की। इसके बाद सिवईया, खीर और अन्य पकवान खाए।
दिल्ली से सटे इलाकों में भी ईद का त्योहार मनाया गया। अर्थला शिया जामा मस्जिद के मौलाना नवाजिश हुसैन ने बताया कि शालीमार गार्डन, शहीद नगर, लाजपत नगर, गरिमा गार्डन, इकबाल कॉलोनी, डीएलएफ कॉलोनी, अर्थला के लोगों ने मौलाना की अपील पर और कोरोना संक्रमण के चलते एक दूसरे से दूरी बनाकर नमाज अता हुई। सभी ने अल्लाह से कोरोना महामारी के खात्मे के लिए दुआ मांगी।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य बड़ी हस्तियों ने भी दी ईद की बधाई
वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वैंकया नायडू और अन्य देश के बड़े नेताओं ने सभी देशवासियों, विशेषकर मुस्लिम भाइयों-बहनों को ईद मुबारक दी। रमज़ान के पवित्र महीने के बाद मनाया जाने वाला यह त्योहार समाज में भाईचारे तथा सद्भावना को मजबूत करने का पावन अवसर है। आइए, इस पवित्र अवसर पर, हम सब, स्वयं को मानवता की सेवा तथा जरूरतमंदों के जीवन को संवारने का संकल्प लें।