नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट को रोकने के लिए लाॅकडाउन जारी है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला साल आज यानि शनिवार को पूरा हो रहा है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने देश की जनता के नाम पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने एक साल की सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया है। पत्र में उन्होंने यह भी कहा है कि एक साल में लिए गए फैसले बड़े सपनों की उड़ान है। साथ ही लिखा आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा। उन्होंने पत्र के माध्यम से जनता से कहा कि यदि सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलतां लेकिन कोरोना महामारी की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं। उनमें इस पत्र के द्वारा आपका आशीर्वाद लेने आया हूं और पत्र के जरिए जनता से संवाद किया है। जिसमें उन्होंने कुछ खास बातें लिखी है।
उन्होंने लिखा कि आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा। देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने जिम्मेदारी सौंपी थी. इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का है। 2014 में जनता ने देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था। देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था। उन 5 वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है। 2019 में आपका आशीर्वाद देश के बड़े सपनों के लिए था। आशाओं-आकंक्षाओं की पूर्ति के लिए था। इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वासश् इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने पत्र में लिखा कि पिछले एक साल में कुछ खास निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है। अनुच्छेद 370, राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून, ये सारी उपलब्धियां सभी को स्मरण हैं। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। जब किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक साथियो, सभी के लिए 60 साल की आयु के बाद 3 हजार रुपये की नियमित मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है। सामान्य जनों के हित में बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी पिछले 1 साल में तेजी से काम हुआ और पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया। यही कारण है कि कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट हो, चिटफंड कानून में संशोधन हो, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले कानून हों, ये सब तेजी से बन पाए हैं।
पीएम मोदी ने कोरोना संकट को लेकर कहा कि हम तेज गति से आगे बढ़ रहे थे कि कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत को भी घेर लिया। कई लोगों ने आशंका जताई थी जब कोरोना भारत पर हमला करेगा तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा। लेकिन आज आपने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है। ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हों हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है। इतने बड़े संकट में कोई यह दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ या असुविधा न हुई हो। श्रमिक, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले आदि लोगों ने असीमित कष्ट सहा है। इनकी परेशानियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
पत्र में अम्फान चक्रवात का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा अभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस हौसले के साथ वहां के लोगों ने परिस्थितियों का सामना किया। चक्रवात से होने वाले नुकसान को कम किया और वह भी हम सभी के लिए बड़ी प्रेरणा है। साथ की कहा कि आज यह चर्चा बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी. लेकिन दूसरी ओर ये विश्वास भी है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी नई मिसाल कायम करेंगे। पत्र के अन्त में उन्होंने लिखा कि आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा और अपने बलबूते पर चलना ही होगा। इसके लिए एक ही मार्ग है आत्मनिर्भर भारत। हाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ का पैकेज इसी दिशा में उठाया गया कदम है। भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा।