नई दिल्ली।कोरोना संक्रमण को देखते हुए पुलिस ने बाहरी लोगों को खाने-पीने का सामान बांटने से रोका तो गुस्साए बेघरों ने शनिवार शाम को तीन रैन बसेरोंं में आग लगा दी। ये लोग इन्हीं रैन बसेरों में रहते भी थे। कश्मीरी गेट इलाके में निगमबोध घाट के पास स्थित इन रैन बसेरों में आग से सारा सामान जलकर राख हो गया। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी उन्होंने पथराव किया और पुलिस जिप्सी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
फायर ब्रिगेड की पांच गाडिय़ों ने करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। उधर, पुलिस का कहना है कि बेघरों को रैन बसेरों में मिल रहा भोजन रास नहीं आ रहा था। ये लोग लॉकडाउन में बाहरी लोगों द्वारा बांटे जा रहे फास्ट-फूड व अन्य व्यंजनों की मांग कर रहे थे।
पुलिस के अनुसार, बाहरी खाने पर रोक के बाद शुक्रवार को भी सिविल डिफेंस कर्मियों के साथ इन बेघरों ने झगड़ा व मारपीट की थी। उसके बाद छह बेघर पास स्थित यमुना नदी में कूद गए थे और फिर बाहर निकल आए। शनिवार दोपहर नदी से एक बहती हुई लाश को इन बेघरों ने निकाला और उसे अपना साथी बताते हुए हंगामा करने लगे और वहां मौजूद सिविल डिफेंस कर्मियों से झगडऩे लगे।
निगमबोध घाट के पास यमुना किनारे कई रैन बसेरे हैं, जिनमें सैकड़ों की संख्या में बेघर रहते हैं। पुलिस का कहना है कि रैन बसेरों में रहने की जितनी क्षमता हे उससे काफी ज्यादा बेघर वहां रहते हैं। ये लोग पहले रैन बसेरों में मिलने वाले खाना पर निर्भर थे। लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में अमीर लोगों ने यहां आकर बेघरों को चिप्स, कोलड्रिंक, बर्गर, पूरी-सब्जी आदि बांटना शुरू कर दिया था। मंदिरों से भी इन्हें खाने-पीने का सामान बांटे जाने लगे। जिससे इन्होंने रैन बसेरे में मिलने वाला दाल-चावल व दलिया आदि खाना छोड़ दिया था। पुलिस ने बाहरी खाने पर रोक लगाई तो ये लोग कई दिनों से परेशान हो गए थे।