कोरोनावायरस पर बढ़ती चिंता के बीच खेल मंत्री किरन रिजिजू ने गुरुवार को खिलाड़ियों को टोक्यो ओलिंपिक पर बयानबाजी से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस वक्त खिलाड़ी या फेडरेशन से जुड़े लोगों को ओलिंपिक से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं उठाना चाहिए। क्योंकि किसी को यह नहीं पता कि 3 महीने बाद क्या होने वाला है। मौजूदा हालात में हमें ओलिंपिक के आयोजन से जुड़े अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सरकार के निर्देशों के मुताबिक ही कुछ कहना चाहिए। इस बीच, खेल मंत्रालय ने नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन को नई एडवायजरी जारी कर सभी तरह के टूर्नामेंट और सिलेक्शन ट्रायल पर 15 अप्रैल तक रोक लगाने को कहा है।
मंत्रालय ने गुरूवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘सभी खेल संगठनों और उनसे जुडी संबंधित यूनिट को सलाह दी गई है कि 15 अप्रैल तक किसी भी तरह की प्रतियोगिताओं और सिलेक्शन ट्रायल न करें।” मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघों को ओलिंपिक की तैयारी कर रहे एथलीट्स को उन लोगों से अलग करने के लिये कहा है जो उनके ट्रेनिंग कैम्प का हिस्सा नहीं है। साथ ही सभी एथलीट्स और टेक्निकल स्टाफ को यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले खिलाड़ी आइसोलेशन में रहेंगे
वहीं, कोरोनावायरस प्रभावित देशों चीन, ईरान, इटली, जर्मनी और स्पेन से आने वाले खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को अनिवार्य रूप से खुद को क्वारैंटाइन करना होगा। फिलहाल, चेस खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद यात्रा प्रतिबंध के कारण जर्मनी में ही आईसोलेशन में हैं। वहीं, यूरोप में ट्रेनिंग के लिए गई महिला पहलवान विनेश फोगाट और जेवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को वापस लौटना पड़ा है। इन दोनों ने खुद को आइसोलेशन में रखा है।
आईओसी ने कहा था- खिलाड़ी हर हाल में अपनी ट्रेनिंग जारी रखें
इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ ने कहा था कि टोक्यो ओलिंपिक तय शेड्यूल के मुताबिक 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच में होंगे। ऐसे में खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग जारी रखनी चाहिए। आईओसी के इसी बयान के खिलाफ भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल, पी कश्यप के अलावा कई खिलाड़ी नाराजगी जता चुके हैं। साइना ने एक दिन पहले ही खेल प्रशासकों पर पैसों के कारण खिलाड़ियों की सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया था। वे कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच वर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन के ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप कराने के फैसले से नाराज थीं।
साइना के अलावा ओलिंपिक पोल वॉल्ट चैम्पियन कैटरीना स्टेफानिडी और ब्रिटेन की हैप्टाएथलीट कैटरीना जॉनसन भी इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुकी हैं। स्टेफानिडी ने एक दिन पहले ट्वीट किया था कि आईओसी चाहता है कि हम अपने और परिवार के स्वास्थ्य को खतरे में डालकर ट्रेनिंग करें। आप 4 महीने बाद नहीं, अभी से खिलाड़ियों को खतरे में डाल रहे हैं। ब्रिटिश एथलीट जॉनसन ने स्टेफानिडी की बात का समर्थन करते हुए कहा था कि आईओसी सब जानते हुए भी खिलाड़ियों को खतरे में डाल रहा है। मैं खुद ट्रेनिंग के दबाव को महसूस कर रही हूं। मेरे लिए ऐसे माहौल में खुद को इन खेलों के लिए तैयार करना मुश्किल है।