नई दिल्ली। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मुहिम चलाई जा रही है। ट्रेनों के द्वारा प्रवासी मजदूरों को उनके उनके राज्य भेजा जा रहा है। विपक्ष के कई नेताओं द्वारा इस बात पर सवाल उठाए जाने पर कि मजदूरों से किराया न वसूला जाए, रेलवे ने सफाई दी और कहा कि प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेच रहा है। वहीं रेलवे राज्य सरकारों से केवल मानक किराया वसूल रहा है जो कुल लागत का 15 प्रतिशत है।
रेलवे मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भारतीय रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। श्रमिकों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के बाद यह ट्रेने खाली वापस आ रही हैं, और वापसी के दौरान ट्रेनों को पूरी तरह बंद रखा जाता है। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया की यात्रा के दौरान मजदूरों को मुफ्त में खाना और पानी की बोतल दी जा रही है। वही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सफर करने के किराए में स्लीपर क्लास के टिकट मूल्य ₹30 का सुपरफास्ट शुल्क और ₹20 भोजन पानी के शामिल होंगे। रेलवे ने स्पष्ट किया कि यात्रियों को अपने पास से कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं है उनके खर्च का वाहन राज्य सरकारें करेंगी।