किसान आंदोलन को 44 दिन हो गए हैं। आज किसानों की सरकार के साथ 9वें दौर की मीटिंग होगी। किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं। इस बार भी उनका स्टैंड साफ है। उनका कहना है कि तीनों कृषि कानून रद्द हों और MSP पर अलग कानून बने।
राज्यों पर छोड़ा जा सकता है कानून लागू करने का फैसला
कृषि कानूनों को लागू करने का फैसला केंद्र अब राज्य सरकारों पर छोड़ सकता है। डेरा नानकसर के मुखी बाबा लक्खा सिंह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से गुरुवार को एक मीडिएटर (मध्यस्थ) के तौर पर मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने बाबा लक्खा सिंह को बताया कि सरकार अब एक प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसमें राज्य सरकारों को कृषि कानून लागू करने या न करने की छूट दी जाएगी।
चर्चा है कि आज की बैठक में केंद्र सरकार किसानों के सामने इस प्रस्ताव का खुलासा कर सकती है। अगर किसान इस पर सहमति जताते हैं तो आंदोलन खत्म होने की संभावना बन जाएगी।
अपडेट्स
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि जब कानूनों के हर क्लॉज पर बात होगी तो समाधान निकलेगा। सरकार कानूनों में बदलाव के लिए तैयार है। हमें नतीजा निकलने की उम्मीद है।किसानों ने कहा कि क्लॉज वाइज बात करने की कोई गुंजाइश नहीं है। आज की मीटिंग में सरकार को कानून वापस लेने की बात करनी चाहिए।
डेरा नानकसर के मुखी की कृषि मंत्री से ढाई घंटे चर्चा
डेरा नानकसर भी किसान आंदोलन में शामिल है। कृषि मंत्री से मीटिंग के बारे में बाबा लक्खा सिंह ने बताया-करीब पौने दो घंटे में कई अहम मुद्दों पर बात हुई। मैंने कृषि मंत्री से कहा कि अगर आप की बात किसी मुद्दे पर खत्म नहीं होती, तो क्या आप उन स्टेट को कानूनों से बाहर रख सकते हैं, जिनमें काफी विरोध है।
इस बात को लेकर तोमर ने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसानों से बात करने को तैयार हैं। जो राज्य कानून को लागू करना चाहें, वे करें और जो नहीं चाहते वे नहीं करें।
पंजाब भाजपा के नेता अमित शाह से मिले
पंजाब में भाजपा नेताओं के घेराव और हमले को लेकर पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह ज्याणी और हरजीत सिंह ग्रेवाल ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई। पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा पर हमला हुआ, फिर पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद के घर पर लोगों ने ट्रॉली भर गोबर फेंक दिया था।