नई दिल्ली। कैबिनेट की बैठक में आज किसानों से जुड़े तीन अहम फैसले लिए गए। किसानों से जुड़े दो नए अध्यादेशों को मंजूरी दी गई और एक अध्यादेश में संशोधन की मंजूरी दी गई। इससे किसानों को अपनी मर्जी से फसल बेचने की आजादी मिलेगी। बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी। सरकार ने पिछले महीने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इन सुधारों की घोषणा की थी।
किसानों को अपनी फसल अपने हिसाब से बेचने की आजादी मिलेगी। अध्यादेश लागू होने के बाद किसान जहां चाहेगा और जिसे चाहेगा अपनी फसल बेच सकेगा। ई-ट्रेडिंग के जरिए खरीद-बिक्री हो सकेगी। किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिल पाएगी। एक देश, एक बाजार की दिशा में इसे बड़ा कदम बताया जा रहा है।
किसान और ट्रेडर एग्रीमेंट कर सकेंगे। इसमें मिनिमम प्राइस पहले ही तय होगा। ऐसे में किसानों को नुकसान होने का खतरा नहीं रहेगा। अगर फसल आने पर भाव ज्यादा होता है तो व्यापारी को होने वाले फायदे में से किसान को भी हिस्सा मिलेगा। इसके नियम केंद्र सरकार तय करेगी। किसी तरह का विवाद होने पर मामला कोर्ट में नहीं जाएगा, बल्कि प्रशासन के स्तर पर ही निपटारा हो जाएगा।
अनाज, तेल, तिलहन, दाल, आलू और प्याज को इस एक्ट के दायरे से बाहर किया गया है। इन पर अब स्टॉक लिमिट लागू नहीं होगी। किसान जितना चाहे एक्सपोर्ट कर सकता है, जितना चाहे स्टोर कर सकता है। सिर्फ आपदा, युद्ध या बहुत ज्यादा महंगाई होने की स्थिति में ही स्टोरेज से जुड़े प्रतिबंध लागू होंगे।
देश में निवेश बढ़ाने के लिए एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज (EGoS) और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल्स (PDCs) बनाने की मंजूरी। ये इस बात का ध्यान रखेंगे कि निवेशकों को सरकारी विभागों और मंत्रालयों से समय पर क्लीयरेंस मिल जाए। साथ ही देश में निवेश बढ़ाने की योजनाएं बनाएंगे और विदेशी निवेशकों की मदद करेंगे।