स्मार्ट मीटर में भार जंपिंग की शिकायत के बाद सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीआरआई) नोएडा को भेजे गए सैंपल स्मार्ट मीटर की रिपोर्ट पावर कारपोरेशन को मिल गई है। लैब की जांच में अधिकांश सैंपल मुख्य पैरामीटर में ही फेल साबित हुए हैं। गौरतलब है कि नौ माह पूर्व जांच के लिए भेजे गए स्मार्ट मीटर की रिपोर्ट पहले ही आ गई थी। इस रिपोर्ट को दबा दिया गया था।
उ.प्र. राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि दबाव बढ़ने पर कारपोरेशन के अभियंताओं ने जांच रिपोर्ट अब उच्चाधिकारियों के सामने प्रस्तुत किया है। मुख्य पैरामीटर में ही अधिकांश स्मार्ट मीटर खरे नहीं पाए गए। सबसे महत्वपूर्ण मीटर का टेक्निकल पैरामीटर मीटर कांस्टेंट होता है। जांच के लिए भेजे गए समार्ट मीटर मीटर कांस्टेंट टेस्ट के साथ ही गुणवत्ता के मानकों में फेल हुए हैं।
अवधेश वर्मा ने कहा कि परिषद लगातार स्मार्ट मीटर की खराब क्वालिटी को लेकर आवाज उठाता रहा है। उच्चाधिकारियों से मांग की है कि मीटर निर्माता कंपनी को काली सूची में डालने के साथ ही इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि करीब नौ महीने पहले स्मार्ट मीटरों में भार जंपिंग की शिकायतें आई थीं। परिषद की शिकायत के बाद ऊर्जा मंत्री ने भार जंपिंग की जांच के लिए कमेटी गठित की थी। कमेटी के सभी स्मार्ट मीटर के सैंपल जांच के लिए नोएडा भेजे थे।