गाज़ियाबाद: साहिबाबाद की गिरधर कॉलोनी से नौ अक्तूबर को लापता हुए बीए एलएलबी के छात्र का शव सोमवार को कॉलोनी में ही पूर्व मकान मालिक के घर से बरामद हुआ। शव घर के बेसमेंट में छह फीट गहरे और दो फीट चौड़े गड्ढे में दबाया था। ऊपर से पक्का प्लास्टर कर दिया था। अब इस मामले में पंकज के साइबर कैफे को लेकर जो बात सामने आ रही है वह हत्या की गुत्थी को सुलझा सकती है। कहा जा रहा है कि साइबर कैफे से जुड़ा कुछ ऐसा राज है जो उसके हत्या की वजह बन गया। पंकज अपना खर्च चलाने के लिए गिरधर कालोनी में साइबर कैफे चलाता था और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। वह आरोपी के चारों बच्चों को भी ट्यूशन देता था। पंकज की गैर मौजूदगी में बच्चे ही साइबर कैफे की देखरेख करते थे। परिजनों का आरोप है कि साइबर कैफे लेने के लिए ही आरोपी दबाव बना रहे थे। भाई मनीष सिंह ने बताया कि पंकज गिरधर कॉलोनी में चार साल से रमेश के मकान में रहता था।उन्होंने बताया कि आरोपी पूर्व मकान मालिक मुन्ना के दो बेटे और दो बेटियां पंकज से ट्यूशन पढ़ती थीं। मुन्ना के बच्चे पंकज की अनुपस्थिति में साइबर कैफे की देखभाल भी करते थे। उनका आरोप है कि आरोपी की पत्नी ने पंकज को अपने घर पर रहने को कहा था। इसके बाद से वह वहां रहने लगा। करीब एक माह रहने के बाद मुन्ना ने पंकज पर साइबर कैफे देने का दबाव बनाया। इसको लेकर दोनों में विवाद हो गया।पंकज वहां से कमरा खाली कर कॉलोनी निवासी नवीन त्यागी के यहां रहने लगा। परिजनों का आरोप है कि इसके बाद से आरोपी मुन्ना और उसकी पत्नी पंकज को धमकाने लगे। पंकज ने अपने भाई को फोन पर यह बात बताई थी। उन्होंने आकर मामले का हल कराने को कहा था। नौ अक्तूबर को आखिरी बार पंकज को कालोनी में देखा गया था।कॉलोनीवासियों ने बताया कि पंकज के लापता होने के बाद कॉलोनी के गेट पर लगे सीसीटीवी को देखा गया तो बुधवार सुबह 9:57 बजे पंकज लोवर – टीशर्ट में सेब खाते हुए अंदर की ओर आते दिखा। कॉलोनीवासियों ने बताया कि पुलिस को पंकज के मोबाइल का आखिरी लोकेशन झंडापुर टावर का मिला। जो आरोपी के मकान और रेलवे लाइन के पास में ही है। पंकज के परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मुन्ना को पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन वह नहीं गया।