जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में रविवार (5 जनवरी) रात को हिंसा भड़क गयी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला किया, परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा।
घटना के बाद हरकत में आये गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है। घटना के बाद कम से कम 18 लोग घायल हो गये जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है। हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष को सिर में चोट आई है।
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने घटना की निंदा की और कहा कि हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है। उन्होंने ट्वीट किया, ”जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हमला अत्यंत निंदनीय है। दिल्ली पुलिस को कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जेएनयू प्रशासन के साथ मिलकर हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया। हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है।”
जेएनयू प्रशासन ने कहा कि लाठियों से लैस नकाबपोश उपद्रवी परिसर के आसपास घूम रहे थे। वे संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे और लोगों पर हमले कर रहे थे। वाम नियंत्रित जेएनयू छात्र संघ और आरएसएस समर्थित एबीवीपी ने करीब दो घंटे तक चली हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।
सूत्रों के मुताबिक जेएनयू शिक्षक संघ द्वारा बुलाई गई बैठक के दौरान यह झड़प हुई। छात्र संघ ने दावा किया कि उसकी अध्यक्ष आईशी घोष और कई अन्य छात्र एबीवीपी सदस्यों के पथराव में चोटिल हो गए। हालांकि, आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी संगठनों से संबद्ध छात्र संगठनों ने क्रूरतापूर्ण तरीके से हमला किया और उनके 25 कार्यकर्ता घायल हो गये।
जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्य नकाब पहनकर परिसर में लाठियां, रॉड लेकर घूम रहे थे। छात्र संघ ने आरोप लगाया, ”वे ईंट पत्थर फेंक रहे थे। छात्रावासों में घुसकर छात्रों को पीट रहे थे। कई शिक्षकों की भी पिटाई की गयी।” उन्होंने दावा किया कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष घोष पर बुरी तरीके से हमला किया गया और उनके सिर से खून बह रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी लोगों को परिसर में घुसने की अनुमति दी गयी और वे लड़कियों के हॉस्टलों में भी घुस गये।
उधर, एबीवीपी ने दावा किया कि वामपंथी छात्र संगठनों एसएफआई, आईसा और डीएसएफ के सदस्यों ने उन पर बुरी तरह हमला किया। उसने कहा, ”हमले में करीब 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये और 11 छात्रों का अता-पता नहीं है। छात्रावासों में कई एबीवीपी सदस्यों पर हमले हो रहे हैं तथा वामपंथी गुंडे छात्रावासों में तोड़फोड़ कर रहे हैं।” विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा। बड़ी संख्या में जेएनयू के छात्र राष्ट्रीय राजधानी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं।